Paonta Sahib: सिरमौर जिले का राजगढ़ क्षेत्र नगदी फसलों के उत्पादन के लिए जाना जाता है. राजगढ़ पीच वैली के नाम से भी मशहूर है. इसके अलावा यहां के किसान टमाटर, शिमला मिर्च, फ्रासबीन मटर, अदरक, लहसून, फूल गोभी, बंद गोभी व फूलो की खेती में अग्रणी है. 


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इस क्षेत्र में बागवान प्लम नाशपाती, सेब का भी उत्पादन कर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर रहें है. वहीं अब यहां के बागवानों ने कीवी फल का उत्पादन करना भी शुरू कर दिया है. यहां इन दिनों कीवी का सीजन पीक पर चल रहा है. स्वाद में कुछ मीठा और खट्टा लेकिन सेहत के लिए वरदान माने जाने वाला कीवी फल अच्छी मात्रा में उगाया जा रहा है.


राजगढ़ क्षेत्र की जलवायु कीवी उत्पादन के लिए काफी अनुकुल है. यहां कीवी का एक पौधा लगभग 80 से 100 किलो फल दे देता है. अच्छी पैदावार और मन माफिक दाम मिलने से बागवान खुश हैं. इस बार बागवानों को कीवी का 250 से 350 रुपए प्रति किलो दाम मिल रहा है. 


कवि की अच्छी पैदावार और उचित दाम मिलने से क्षेत्र में स्वरोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं. बागवानी विभाग युवाओं को कीवी की खेती के लिए उत्साहित भी कर रहा है. क्षेत्र कीवी की एलिसन, ब्रूनो, मोंटी, एबोट व हेवर्ड मुख्य प्रजातियां है.  बागवानों का कहना है कि यहां क्षेत्र में आड़ू की फसल में फाईटोप्लाजमा नामक बिमारी के कारण समस्या आई है.


ऐसे में कीवी आड़ू के स्थान पर काफी अच्छा विकल्प साबित हो रहा है. एक बीघा भूमि पर लगभग 25 पौधे लगाए जा सकते है. जानकारों का कहना है कि देश में अभी कीवी की जितनी खपत है. उसका केवल एक प्रतिशत उत्पादन ही उत्पादन हो पा रहा है. ऐसे में आने वाले समय में किवी उत्पादन बागवानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है. राजगढ़ की उच्च गुणवत्ता वाली की भी खरीदने के लिए व्यापारी भी आकर्षित हो रहे हैं. आजकल कवि की फसल तैयार हो रही है और बागवान पैकिंग कर फसल को बाजार में भेजने की तैयारी में जुटे हैं. 


रिपोर्ट- ज्ञान प्रकाश, पांवटा साहिब