Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भूराजस्व संशोधन विधेयक पारित कर तय समय सीमा पर राजस्व कार्यों को निपटाने के आदेशों के खिलाफ बिलासपुर जिला के पटवारियों व कानूनगों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इस विधेयक पर चर्चा करने के लिए संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाने की अपील की है. 


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गौरतलब है कि विधानसभा में पारित इस भूराजस्व संशोधन विधेयक के तहत प्रदेश के पटवारियों व कानूनगो को एक तय समय में राजस्व सम्बंधित कार्यों को निपटाने व तय समय पर कार्य पूरा ना होने पर विभागीय कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. जिससे खफा बिलासपुर के पटवारी व कानूनगो द्वारा शहीद स्मारक बिलासपुर में इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया है. 


वहीं, संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के जिला प्रधान सुनील दत्त जोशी ने कहा कि सरकार की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने से लेकर राजस्व सम्बंधित कार्यो को करने में पटवारी व कानूनगो की अहम भूमिका होती है, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा भूराजस्व संशोधन विधेयक पारित करने से पहले प्रदेश में खाली पड़े पटवारी व कानूनगो के पदों को भरना ज्यादा जरूरी था ताकि रिक्त पड़े पदों के चलते पंचायत स्तर पर विभिन्न कार्यों को पूरा करने में जो परेशानी पटवारी व कानूनगो के सामने आ रही है उसे दूर किया जा सके. 


साथ ही उन्होंने कहा कि बिलासपुर जिला की 176 पंचायतों में 86 पटवारखाने हैं. जिसमें पटवारी के 97 पद सृजित है. जिनमें 06 पद खाली चल रहे हैं, इसके अलावा 32 कानूनगो के पदों में 21 पद खाली है. जिससे एक कानूनगो पर 15 से 20 पटवारखाने की जिम्मेवारी आन पड़ी है. यही नहीं कानूनगो व पटवारी सीमित साधनों में अपने कार्यों को पूरा करने में जुटे हुए है व सुविधाओं के अभाव में राजस्व सम्बंधित कार्यों को 03 से 06 माह के भीतर पूरा करना मुश्किल है इसलिए सरकार को चाहिए कि संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया जाए ताकि उन्हें आ रही समस्याओं का भी समाधान हो सके.


आपको बता दें, कि भूराजस्व संशोधन विधेयक पारित होने से नाराज जिला के पटवारी व कानूनगो द्वारा शहीद स्मारक बिलासपुर में प्रदर्शन करने के बाद उपायुक्त कार्यालय परिसर तक रोष मार्च निकालकर उपायुक्त बिलासपुर के जरिये मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु को ज्ञापन भी भेजा गया है ताकि प्रदेश सरकार जल्द ही उन्हें वार्ता के लिए बुलाकर पटवारियों व कानूनगो को आ रही समस्या का भी समाधान कर सके.