Chamba News: महिला आरक्षण विधेयक और सनातन धर्म को लेकर की जा रही टिप्पणी को लेकर चंबा जिले के प्रबुद्ध लोगों ने बड़ी ही साफगोई से अपनी राय प्रस्तुत की है. जहां लोगों ने महिला आरक्षण विधेयक को देश की समस्त महिलाओं का सम्मान बताया तो वहीं सनातन को सबसे पुराना धर्म बताते हुए हिंदुस्तान का दूसरा नाम बताते हुए सनातन को इसकी आत्मा क़रार दिया. 


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जिला परिषद चेयरमैन नीलम ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक समय की जरुरत थी क्योंकि प्रतिनिधि होने के नाते जब भी उन्हें फील्ड में जाकर लोगों से मुलाकात कर उनकी राय जानने का मौका मिला है, तो महिलाएं आगे तो आना चाहती हैं लेकिन उन्हें अवसर नहीं मिल रहा था. बहरहाल विधेयक पास होने से महिलाओं को राजनीति के क्षेत्र में आगे आने का सुअवसर मिलेगा.  


रही सनातन की बात तो भारत एक ऐसा देश है जो सनातन के विश्व विख्यात है. बहरहाल इसपर कोई भी टिप्पणी नहीं होनी चाहिए. 


वहीं, भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष जयंती दुग्गल ने महिला आरक्षण विधेयक को देश की समस्त महिलाओं के सम्मान से जोड़ते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बिल को पारित करके ऐतिहासिक रचना की है. तो वहीं सनातन धर्म को लेकर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म वर्षों पुराना धर्म है. जबकि राजनीतिक पार्टियां तो बाद में बनी हैं. इसलिए इस पर सियासत नहीं होनी चाहिए.


समाजसेवी सतपाल कहते हैं महिला आरक्षण विधेयक महिला सशक्तिकरण के लिए ऐतिहासिक निर्णय है, तो वहीं उन्होंने सनातन को लेकर स्पष्ट कहा कि सनातन का दूसरा नाम हिंदुस्तान है और इसकी आत्मा सनातन है‌.  


जिला परिषद सदस्य सीमा कहती हैं कि महिला आरक्षण विधेयक से महिलाओं की तकदीर बदलने वाली है.  आज हिमाचल विधानसभा में एक महिला विधायक हैं और आने वाले समय में बहुत सी महिलाएं विधानसभा में दस्तक देने वाली हैं. 


उधर, युवा समाजसेवी लेखराज कहते हैं कि सनातन सबसे पुराना धर्म है. इसलिए इसको लेकर ना तो किसी तरह की सियासत और ना ही कोई टिप्पणी होनी चाहिए.