Hamirpur News: रामसर साइट के नाम से प्रसिद्ध कांगड़ा जिला में बहने वाली पौंग झील का इस्तेमाल अब टूरिज्म तथा इको टूरिज्म को बढ़ाने के लिए किया जाएगा. अब तक इस झील का सुंदर नजारा, पर्यटकों के लिए कुछ सुविधाएं और प्रवासी परिंदों की सुरीली आवाजें लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती आई हैं, लेकिन अब केंद्र सरकार इसे पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर नया रूप देने जा रही है.


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इसके लिए पर्यटन मंत्रालय, हिमाचल सरकार के सहयोग से कार्य कर रहा है. परामर्शदाताओं की टीम पर्यटन की संभावनाओं की तलाश में जुटी हुई है. तीन से चार जगहों का चयन टूरिज्म तथा इको टूरिज्म की दृष्टि से किया गया है. बताया जा रहा है कि कुछ कार्य की डीपीआर केंद्र सरकार को भेज दी गई है. केंद्र सरकार से फंडिंग होने के बाद पर्यटन को विकसित करने की दिशा में कार्य किया जाएगा.


यहां पर यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि पर्यटन को विकसित करने के दौरान प्रवास पर पहुंचने वाले पक्षी किसी भी सूरत में परेशान नहीं होने चाहिए. हजारों प्रवासी पक्षियों के आगमन से ही यह झील गुलजार होती है.


वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत सरकार ने पौंग झील को स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत पर्यटन के लिए विकसित करने का निर्णय लिया है. दावा किया जा रहा है कि टूरिज्म व इको टूरिज्म के विकास से लोगों के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे. स्थानीय लोगों को यहां पर आजीविका कमाने का अवसर मिलेगा. पर्यटन के लिए पौंग झील को विकसित करने के लिए हिमाचल पर्यटन विभाग तथा वन्य प्राणी विभाग के मध्य एग्रीमेंट साइन होगा.


एग्रीमेंट साइन करने के बाद दोनों मिलकर सुनियोजित तरीके से कार्य को अंजाम तक पहुंचाएंगे. विभाग की मानें तो पौंग झील के आस-पास का बहुत सा क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है. इसके लिए परामर्शदाताओं की टीम निरीक्षण भी कर चुकी है. निरीक्षण के दौरान तीन से चार साइट को बेहतर आंका गया है. यहां से कुछ कार्यों की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेजी गई है. पर्यटन विकास के कार्य के लिए केंद्र सरकार की तरफ से ही फंडिंग की जाएगी. 


वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजिनोल्ट रॉयस्टन का कहना है कि पौंग झील के आस पास के क्षेत्र को टूरिज्म तथा इको टूरिज्म के लिए विकसित किए जाने के पूरे स्कोप है. केंद्र सरकार स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत इसे विकसित करने जा रही है. पर्यटन मंत्रालय, प्रदेश सरकार तथा वन्य प्राणी विभाग के सहयोग से कार्य किया जा रहा है. डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को भेजी गई है. फंडिंग होने के बाद यहां पर टूरिज्म तथा इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कार्य शुरू किया जाएगा.


रिपोर्ट- अरविंरद सिंह, हमीरपुर