चंडीगढ़- महंगाई की मार से लोगों की परेशानी आए दिन बढ़ने लगी हैं. कई साल हो चुके है GST लागू हुए और महंगाई भी बढ़ चुकी है. GST कॉउंसिल की हाल है बैठक में लिए गए कुछ फैसले महंगाई की मार को और तेज कर सकते हैं क्योंकि GST Council दही, लस्सी, छाछ समेत खाने पीने की चीजों पर भी जीएसटी की मिल रही छूट को समाप्त करने की सिफारिश कर रही है.


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आसान शब्दों में कहे तो अब देशभर को महंगाई का बड़ा झटका मिलने वाला है. दूध, दही पनीर समेत आटा अनाज भी महंगा हो जाएगा. 


जीएसटी परिषद ने कुछ खाद्य पदार्थों, अनाज आदि पर कर छूट वापस ले ली है और अब इन पर पांच फीसदी जीएसटी लगेगा. इस फैसले के बाद पैकेट बंद दही, लस्सी और छाछ जैसे दूध उत्पादों के दाम बढ़ने तय हैं.


अगर ऐसा होता है तो पैकेट वाले ब्रांडेड मिल्क प्रोडक्ट महंगे हो जाएंगे. इसके कारण लोगों की जेब पर ज्यादा असर पड़ेगा. इसके अलावा अगर यह फैसला आता है तो कंपनियों के शेयरों में उछाल भी देखने को मिलेगा.


जीएसटी परिषद की 47वीं बैठक में डिब्बा बंद या लेबल युक्त मांस, मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद और मुरमुरे पर 18 जुलाई से 5% जीएसटी लगाने का फैसला किया गया है. कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, देश के खाद्यान्न कारोबारी आक्रोशित हैं.


इस फैसले से बड़ी कंपनियों को लाभ होगा, जबकि छोटी कंपनियों और कारोबारियों को नुकसान होगा. ऐसे में संगठन सभी राज्यों के वित्तमंत्रियों से फैसला वापस लेने की मांग करेगा.


पैकेट वाले दूध पर नहीं है जीएसटी


रिसर्च एनालिस्टों का कहना है कि ज्यादातर डेयरी कंपनियों के लिए दही एक अहम उत्पाद है. डेयरी कंपनियों की आय में दही और लस्सी का हिस्सा 15 से 25 फीसदी है. आइसक्रीम, चीज, घी और पनीर जैसे कुछ डेयरी प्रोडक्ट पहले ही जीएसटी के दायरे में आ चुके हैं. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के एनालिस्टों का मानना है कि अब दही और लस्सी पर जीएसटी लगने से अधिकांश डेयरी प्रोडक्ट जीएसटी के दायरे में आ जाएंगे. हालांकि, पैकेट वाले दूध को अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है.