नंदलाल/नालागढ़: उपमंडल नालागढ़ के तहत राजाओं के समय से किशनपुर सरसा नदी से राजपुरा तक किसानों की हजारों बीघा जमीन को सिंचाई करवाने के लिए राजकुहल का निर्माण करवाया गया था, जिससे किसान अपने खेतों में पानी लगाकर अपनी फसलें उगाया करते थे, लेकिन अब यह राजकुहल मात्र नाम की ही राज कुहल बनकर रह गई है. 


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इस राजकुहल ने अब सीवरेज के गंदे नाले का रूप धारण कर रखा है. राजकुहल पर लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है, वहीं इस क्षेत्र में ज्यादातर लोगों ने इस राज कुहल में अपने घरों का सीवरेज का गंदा पानी छोड़ना शुरू कर दिया है. यह राज कुहल सीवरेज का गंदा नाला बनकर रह गई है, जिसके चलते इस राजकुहल में हर समय सीवरेज का गंदा पानी खड़ा रहता है, जिसके कारण क्षेत्र में लोगों को गंभीर बीमारियां भी हो रही हैं. लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.


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इस बारे में जब हमने स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि राजाओं के समय से सरसा नदी से लेकर राजपुरा तक इस राजकुहल का निर्माण किसानों को सिंचाई के लिए करवाया गया था, जिसका फायदा किसान लेते आ रहे थे, लेकिन जब से क्षेत्र में ओद्योगिकरण हुआ है तब से लेकर इस राजकहल का रूप अब गंदे नाले ने धारण कर रखा है. लोगों ने भी घरों का गंदा पानी इस राजकुहल में छोड़ रखा है.


लोगों का कहना है कि वह कई वर्षों से लगातार राजकुहल की सफाई और उसकी देखरेख को लेकर सरकार और प्रशासन से मांग कर रहे हैं, लेकिन न तो सरकार इसकी ओर ध्यान दे रही है और ना ही स्थानीय संबंधित विभाग इसकी ओर कोई ध्यान दे रहा है. एक बार फिर स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही राज कुहल की सफाई नहीं करवाई गई और लोगों का गंदा सीवरेज का पानी इसमें डालना बंद ना करवाया गया तो सभी ग्रामीण एकत्रित होकर उग्र आंदोलन करने को भी मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी.


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इस बारे में जब हमनें अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष दिलीप सिंह राणा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि राज कुहल में हजारों बीघा जमीन को पानी सिंचाई के तौर पर दिया जाता था, जिसका फायदा हजारों किसान उठाते थे, लेकिन अब इस राज कुहल में सीवरेज का गंदा पानी और अवैध कब्जा होने के कारण सिंचाई व्यवस्था पूरी तरह बंद हो चुकी है. अब इस बार बरसात न होने के चलते किसानों के लिए सिंचाई की कोई भी व्यवस्थता नहीं है, जिसके चलते किसान बड़े परेशान हैं. उनका कहना है कि अगर इस राज कुहलको ठीक कर दिया जाए तो किसानों को इसका पानी सिंचाई के लिए मिल सकता है. अब देखना यह होगा कि कब सरकार और प्रशासन द्वारा इस राज कुहल की सफाई करवाई जाती है और कब लोगों को आ रहीं परेशानियों से निजात मिलती है.


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