Himachal Masjid Vivad: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद मामले पर कमिश्नर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन शिमला द्वारा हाल ही में 5 अक्टूबर को अवैध निर्माण तौड़ने का फैसला दिया था. हालांकि इस फैसले से पहले मस्जिद कमेटी ने स्वयं इस अवैध निर्माण को तोड़ने की इजाजत मांगी थी. इस मामले पर शांत हिमाचल में भी खूब धरना प्रदर्शन पहली मर्तबा देखने को मिला.


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मामला अब शांत हो गया था, लेकिन अब पिछले कल ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गनायज़ेशन की बलुगंज मस्जिद में हुई मीटिंग के बाद यह विवाद और बढ़ सकता है. ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गनायज़ेशन संजौली मस्जिद मामले पर आए निर्णय को हिमाचल हाई कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान कर चुका है.


एक तरफ ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गनायज़ेशन इस मामले पर मुस्लिम धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने का हवाला दे रहा है. तो दूसरी और संजौली कमेटी ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गनायज़ेशन का विरोध कर रही है. जी हां इस मामले पर ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गनायज़ेशन और संजौली मस्जिद कमेटी आमने सामने हो चुकी है.  संजौली मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान, महोमद लतीफ़ नेगी ने बयान दिया है कि वक़्फ़ बोर्ड की बिना अनुमति के कैसे हुई मस्जिद में मीटिंग. इस मामले पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.


सबसे पहले आपको शिमला के बलुगंज मस्जिद के मौलाना मुमताज़ अहमद काज़मी और उनके बेटा क्या कह रहे हैं यह बता देते हैं. मौलाना मुमताज़ अहमद काज़मी ने कहा कि पिछले कल ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गनायज़ेशन की मीटिंग बलुगंज मस्जिद में हुई है, जिसमें कुछ निर्णय लिए गए हैं. MC शिमला कमिश्नर हमें डराया. हमारी आस्था पर फैसला दिया है. संजौली मस्जिद मामले पर हमारी ऑर्गनायज़ेशन HC जाएगी. प्रदेश की सभी मस्जिदों के मामले पर हक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. 


वहीं, संजौली मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान महोमद लतीफ़ नेगी ने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड की बिना अनुमति के कैसे मस्जिद में मीटिंग हुई. इस मामले पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. इस ऑर्गनिज़ेशन का इस मामले पर कोई लेना देना नहीं है. वक़्फ़ बोर्ड में तमाम मस्जिदों पर नमाज के अलावा किसी भी तरह की मीटिंग पर रोक लगा रखी है.


बता दें, हिमाचल की राजधानी शिमला के स्थानीय लोग बोले माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है.  स्थानीय लोगों का कहना है की जब MC कोर्ट ने फ़ैसला सुना दिया है और मस्जिद कमेटी ने इस मामले में स्वयं ही अवैध निर्माण को तोड़ने की बात मानी है तो फिर इस तरर से मुस्लिम समुदाय के दूसरे पक्ष का विरोध करना ठीक नहीं है।.हाल ही में हुए विरोध के चलते शिमला में पर्यटन पर बुरा प्रभाव पड़ा है.


रिपोर्ट- संदीप सिंह, शिमला