समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश के सभी मंत्री और सीपीएस 12 जिलों के हर गांव में जाएंगे और जन समस्याओं को सुनकर मौके पर उनका निपटारा करेंगे. इसके साथ ही गांव स्तर पर संवाद हो सके और लोगों की समस्याओं का निपटारा किया जा सके, इसके लिए एक अभियान छेड़ा जा रहा है. इस कार्यक्रम में अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. 


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आगामी 17 जनवरी से कार्यक्रम की शुरुआत होगी. एक सप्ताह के अंदर 68 विधानसभा क्षेत्रों में समस्याओं का निपटारा किया जाएगा, गांव-गांव जाकर जनता की समस्याओं को सुना जाएगा. साथ ही उनका मौके पर निपटारा किया जाएगा. इसके साथ ही आम जनता तक एक साल के अंदर कांग्रेस सरकार द्वारा की गई हिमाचल को सुदृढ़ बनाने की नई पहल नई सोच लोगों के बीच ले जाई जाएगी. 


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जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है. सरकार पर 12 हजार अतिरिक्त कर्ज है. राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए संसाधन जुटाने का प्रयास किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने हिमाचल के साथ पिछले 1 साल से सौतेला व्यवहार किया है, जहां लगभग 10 हजार करोड़ की मांग की गई थी, वहीं 633 करोड़ रुपये ही एनडीआरएफ के तहत दिया गया है.


जगत सिंह ने कहा कि जहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल के लिए संसाधन जताने को लेकर वाटर से लगाने का प्रयास कर रहे थे, वाटर सेस सिक्किम जम्मू कश्मीर जैसे कई राज्यों में लागू है वहीं हिमाचल में लागू करने के लिए केंद्र सरकार अड़ंगा कर रही है, बीबीएमबी में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर सरकार को जो राशि मिली थी उसमें भी केंद्र सरकार आनाकानी कर रही है ताकि हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब हो जाए और केंद्र सरकार बैठकर तमाशा देखें.


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केंद्र सरकार हिमाचल को गुमराह करने का पर्यास कर रहे है, भाजपा के नेता प्रदेश में जाकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल को मानसून के दौरान आर्थिक मदद जो मिलनी चाहिए थी नहीं मिली लेकिन अब लोगों के बीच जाकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं.


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