Sawan Kab Hai: महादेव के भक्तों को सबसे प्रिय महीना सावन 4 जुलाई यानी आज से शुरू हो रहा है. जिसको लेकर पूरे देश के तमाम बड़े शिव मंदिरों में तैयारी चल रही है. वहीं सावन का पहला सोमवार 10 जूलाई को है. हिंदू धर्म में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम माना जाता है. इस महीने में भगवान भोलेनाथ की विधि-विधान के साथ पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती. हालांकि, पूजा के वक्त आपको पता होना चाहिए कि शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए. 


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शिवलिंग की पूजा करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
1. शिवलिंग की पूजा करते वक्त आपको तुलसी की पत्तियों का प्रयोग कभी भी नहीं करना चाहिए. इसके दो कारण है एक ये कि तुलसी के पति असुर जालंधर का वध भगवान शिव ने किया था. इसलिए भगवान शिव को उन्होंने अपने आलौकिक और देवीय गुणों वाले तत्वों से वंचित कर दिया और  दूसरा भगवान विष्णु ने तुलसी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया है इसलिए भी तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए.


2. वहीं, श‍िवजी की पूजा करते समय कभी भी स‍िंदूर न चढ़ाएं. स‍िंदूर को लेकर मान्यता है कि हिंदू महिलाएं इसे अपने पति की लंबी उम्र के लिए लगाती हैं.  वहीं, भगवान शिव संहारक के रूप में जाने जाते हैं इसलिए शिवलिंग पर स‍िंदूर नहीं चढ़ाया जाता है. 


3.शिवलिंग की पूजा करते वक्त आप नारियल चढ़ा सकते हैं लेकिन नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए. वहीं ये भी ध्यान रखें कि शिवजी को चढ़ाए गए नारियल को आप प्रसाद के रूप ग्रहण नहीं करें. 


4. इसके अलावा शिवलिंग पर कभी भी केतकी के फूल नहीं चढ़ाना चाहिए. जानकारी के अनुसार, ब्रह्मा जी के झूठ में जब केतकी ने साथ दिया तो महादेव नाराज हो गए और उन्होंने श्राप देते हुए कहा कि उनकी पूजा में केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाएगा.


5. हल्‍दी को पूजा पाठ में काफी शुद्ध और पव‍ित्र माना गया हैं, लेक‍िन हैरानी की बात है क‍ि इसे कभी भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाते हैं. शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है और हल्दी स्त्रियों से संबंधित है.  यही वजह है क‍ि महादेव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है.


जानकारी के लिए बता दें, करीब 19 साल बाद इस बार सावन पर बेहद अद्भुत संयोग बन रहा है. इस बार सावन 2 महीने का होने वाला है. विक्रम संवत 2080 में इस साल एक अधिक मास पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में इस बार 12 महीने के बजाय 13 महीने के होंगे. जिसके कारण सावन का महीना 30 दिन का नहीं बल्कि 59 दिन को होगा.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.)