Shiv Mandir: सावन का पहला सोमवार आज, जानें मंडी के भूतनाथ, महामृत्युंज्य सहित 81 शिव मंदिरों का इतिहास!
Sawan 2024: सावन में मंडी के भूतनाथ, अर्धनारिश्वर, महामृत्युंज्य सहित 81 शिव मंदिरों के दर्शन करें. `वाराणसी` जैसी ही झलक दिखेगी. जानें छोटी काशी का इतिहास..
Mandi 'Choti Kashi Darshan' in Sawan: सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है. वहीं, पहले सोमवार को लेकर महादेव के भक्तों में काफी ज्यादा उत्साह है. ऐसे में इस खबर में हम आपको बताएंगे हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध शिव मंदिर के बारे में, जहां आपको सावन के महीने में एक बार जरूर दर्शन करना चाहिए.
हिमाचल प्रदेश पर्वतीय स्थल है. जहां हर साल हर सीजन में लोग घूमने के लिए देश-विदेश से आते हैं. वहीं, प्रदेश का मंडी जिला छोटी काशी के रूप में जाना जाता है. आइए जानते है कि क्यों इसे छोटी काशी कहा जाता है. साथ ही क्या है इन मंदिर का इतिहास और महत्व.
क्यों कहते हैं मंडी को 'छोटी काशी'
मंडी को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर 81 प्राचीन मंदिर मौजूद हैं. इन मंदिरों में अधिकतर मंदिर भगवान शिव के हैं. वहीं, वाराणसी में घाट किनारे शिव जी के कई मंदिर है. ऐसा ही नजारा यहां मंडी में भी देखने को मिलता है. इसलिए इस जगह को छोटी काशी के रूप में जाना जाने लगा.
वहीं, कथाओं के अनुसार मंडी पर राज करने वाले राजाओं की भगवान शिव के प्रति अटूट आस्था रही है. इसके चलते यहां राजाओं ने कई शिव मंदिरों का निर्माण करवाया था.
आपको बता दें, मंडी में एकादश रूद्र, भूतनाथ, अर्धनारिश्वर, पंचवक्त्र, नीलकंठ महादेव, बाबा त्रिलोकीनाथ, महामृत्युंज्य प्रमुख शिव मंदिर हैं. जिनके दर्शन के लिए भक्त देश विदेश से आते हैं. मात्र 3,950 वर्ग किलोमीटर में फैले इस छोटे से क्षेत्र में 81 प्राचीन मंदिर हैं और सबसे खास बात ये है कि इनमें से ज्यादातर मंदिर भगवान शिव के हैं. सावन महीने में काफी बड़ी संख्या में शिवभक्त यहां आते हैं. वहीं, सभी शिव मंदिरों में पूजा करते हैं.
इसके अलावा मंडी का प्राचीन महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस जिले का नाम ऋषि मांडव के नाम पर पड़ा था. बताया जाता है कि तपस्वी मांडव ने मंडी में ही अपनी घोर तपस्या की थी. इसके बाद इस जगह का नाम उनके नाम पर पड़ा.