मनुज शर्मा/सोलन: हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान आई आपदा के बाद यहां के लोग काफी परेशान हैं, लेकिन इस बीच इन लोगों की चिंता और ज्यादा बढ़ गई है. कोरोना महामारी के बाद अब यहां एक और नई बीमारी ने लोगों को डराया हुआ है. राज्य में इन दिनों स्क्रब टाइफस नाम की बीमारी से भय का माहौल है. इस बीमारी से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है.


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बता दें, हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन में अभी तक स्क्रब टाइफस के कुल 11 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 3 लोगों की मौत हो गई है. इन हालातों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीणों से आग्रह किया है कि जब भी वह पशुओं को चारा लेने जाएं तो एहतियात बरतें, अपने शरीर को पूरी तरह ढककर रखें ताकि यह पीसू आपको बीमार ना कर सके. उन्होंने स्क्रब टाइफस घास में पीसूओं से होता हैं. 


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वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजन उप्पल ने बताया कि जिला सोलन में स्क्रब टाइफस के 11 मामले सामने आ चुके हैं जबकि तीन मरीजों की आईजीएमसी शिमला में मौत हो गई है. उन्होंने बताया कि अगर लोग सावधानी बरतें तो इस बीमारी से बचाव हो सकता है.


ये हैं स्क्रब टायफस के लक्षण
स्क्रब टायफस होने पर मरीज को तेज बुखार आता है. जोड़ों में दर्द, ठंड के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन, अकडन और शरीर टूटा हुआ लगने लगता है. अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजू और कूल्हों के नीचे गिल्टियां होने लगती हैं. 


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स्क्रब टायफस से बचने के उपाय  
इस समय लोगों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें, कीटनाशक दवा का छिडक़ाव करें. मरीजों को डॉक्सीसाइक्लन और एजिथ्रोमाईसिन लेनी चाहिए. बता दें, स्क्रब टायफस की शुरुआत आम बुखार से होती है, लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है. यही कारण है कि इसमें मरीजों की मौत हो जाती है.


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