विजय भारद्वाज/बिलासपुर: देवभूमि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर स्थित शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अच्छी खबर है. माता नैनादेवी के दरबार तक पहुंचने के लिए बना रज्जू रोपवे मुख्य मार्ग अब शुरू हो गया है, जिसके चलते अब जनता खूबसूरत हसीन वादियों के बीच से होकर माता नैनादेवी के दरबार में पहुंच सकते हैं.


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आपको बता दें कि 52 शक्तिपीठों में शुमार माता नैनादेवी का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है.  हर साल लाखों की संख्या में पंजाब, हरियाणा व दिल्ली सहित देशभर से श्रद्धालु माता रानी के दरबार मे शीश नवाजने आते हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा ना हो इसके लिए रोपवे कर्मचारियों द्वारा साल में दो बार मरम्मत कार्य किया जाता हैं और करीब 10 से 15 दिनों तक रोपवे की मरम्मत की जाती है. रोपवे के हर पार्ट को चेक किया जाता है ताकि रोपवे सेवा के दौरान कोई दुर्घटना ना हो सके. 


गौरतलब है कि नैनादेवी मंदिर के मुख्य मार्ग तक पहुंचने वाला यह रज्जू रोपवे मार्ग बिना किसी दुर्घटना के 25 साल से चल रहा है और हर साल रोपवे कर्मचारी साल में दो बार रोपवे की पूरी तरह से मरम्मत करते हैं ताकि सुरक्षित रूप से रोपवे की सेवाएं श्रद्धालुओं को उपलब्ध करवाई जा सके. 


आपको बता दें, रोपवे के एक डब्बे में 4 यात्री बैठ सकते है और करीब 1 घण्टे में 200 श्रद्धालु मन्दिर के समीप पहुंच जाते हैं. वहीं, रज्जू मार्ग में आने जाने का टिकट 185 रुपए प्रति यात्री है जबकि विकलांग और 3 साल से कम बच्चों को फ्री सेवा दी जाती है. इसके अलावा 3 से 12 साल के बच्चों के लिए आधी टिकट का प्रावधान है.


रोपवे में सफर कर श्रद्धालु केवल 5 मिनट में ही मुख्य भाखड़ा सड़क से मंदिर समीप गुफा के पास पहुंच जाते है. हालांकि यहां से अगर पैदल मंदिर तक जाना हो तो लगभग एक से डेढ़ घण्टे का समय लग जाता है. ऐसे में रोपवे सेवा शुरू होने से श्रद्धालुओं में भी खुशी देखने को मिल रही है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि आगे भी श्रद्धालुओं को यह सुरक्षित रोपवे सेवा मिलती रहेगी.


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