कोमल लता/मंडी: हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर में बने शानन पावर प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंजाब से वापस लेने का मन बना लिया है. इंदर सिंह सुक्खू ने साफ कर दिया है कि शानन पावर प्रोजेक्ट अब हिमाचल प्रदेश में रहेगा और प्रदेश में बने इस प्रोजेक्ट का लाभ हिमाचल प्रदेश की जनता को ही मिलेगा.


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वहीं, इस पूरे मामले पर हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर के लोगों का कहना है कि शानन पावर प्रोजेक्ट हिमाचल का ही है. इसका लाभ हिमाचल की जनता को ही मिलना चाहिए. इसके साथ उन्होंने पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शानन पावर प्रोजेक्ट तो बना दिया गया है, लेकिन वहां किसी तरह की कोई मेंटेनेंस नहीं की जा रही है. प्लांट में अभी भी पुरानी मशीनरी का प्रयोग किया जा रहा है. प्रोजेक्ट ट्रॉली की भी खस्ता हालत है. अगर प्रोजेक्ट हिमाचल के पास आता है तो प्रदेश इस शानन पावर प्लांट का अच्छे से रखरखाव रखेगा.


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वहीं, शानन पावर प्लांट में कार्यरत रेजिडेंट इंजीनियर सतीश कुमार से जब जी मीडिया ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि 1932 में शानन पावर हाउस सुचारु रूप से शुरू हुआ था, तब से लेकर अब तक इस प्रोजेक्ट में पंजाब सरकार द्वारा कोई खास विकास नहीं किया गया है. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत में 12-12 मेगावाट के 4 ही यूनिट थे.


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उस समय इस प्रोजेक्ट की कैपेसिटी 48 मेगावाट हुआ करती थी, जिसके बाद 1982 में पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ने प्रोजेक्ट की इस कैपेसिटी को बढ़ाकर 15- 15 मेगावाट कर दिया. इसके साथ ही 50 मेगावाट का एक यूनिट स्थापित किया था और अब इसकी कैपेसिटी 110 मेगावाट हो गई है. वहीं, रेजिडेंट इंजीनियर दिस कुमार ने बताया कि हर साल पंजाब सरकार हमें बजट मुहैया करवाती है, ताकि शानन पावर प्रोजेक्ट की कार्य क्षमता को बढ़ाया जा सके. इस दौरान उन्होंने बताया कि शानन पावर प्रोजेक्ट में 1 घंटे में 110 मेगावाट बिजली हम बनाते हैं. इस हिसाब से 24 घंटे के भीतर 2500 से 2600 मेगा वॉट बिजली जनरेट की जाती है.


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