Shimla Masjid Vivad: हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद का थमने का नाम नहीं ले रहा है. संजौली में विवादित मस्जिद को लेकर बीते एक सप्ताह से दो समुदायों के बीच चल रहा तनाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. हिंदू संगठनों ने एक बार फिर संजौली में कथित अवैध मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर विशाल उग्र प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है. 11 सितम्बर को 11 बजे संजौली शिमला में ऐतिहासिक आंदोलन होगा.


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इसपर नेता प्रतिपक्ष ने कहा यह मुद्दा राजनीतिक नहीं है. सभी संगठन मिलकर प्रदर्शन कर रहें है. उनसे निवेदन है कानून के दायरे में रहकर प्रदर्शन करें. सरकार के मंत्री सहमे हुए है. प्रदर्शनकारियों की जन भावना को रोक नहीं सकते है. प्रदर्शनकारी न नेता थे न पार्टी थी. हिंदू समाज के लोग हैं, सरकार की जिम्मेदारी है शांतिप्रिय ढंग से प्रदर्शन होना चाहिए. 


अवैध निर्माण प्रदेश के हजारों स्थानों पर है, लेकिन इस अवैध निर्माण से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस मामले को लटकाने के बजाय लोगों की भावनाओं को मद्देनजर रखते हुए जल्द संजौली मस्जिद विवाद मामले पर फैसला करें. जयराम ठाकुर ने कहा हमारी सरकार के समय बाहर से आ रहे लोगों की रजिस्ट्रेशन करवाई जा रही थी? अब क्या हुआ कांग्रेस सरकार के आते ही बंद कर दी गई. 


वहीं, कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रदर्शन करना लोगों का मौलिक अधिकार है.
शांतिप्रिय ढंग से प्रदर्शन करें. कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए बयान दे रहें है. उन्होंने कहा वेंडर पॉलिसी बनाने को लेकर सत्र में सीएम ने ऐलान किया है. इससे जो लोग इलीगल तरीके से आ रहें हैं. उसपर कंट्रोल रहे. मुख्यमंत्री ने कहा वेंडर पॉलिसी को लेकर  सब कमेटी बनाई गई है. 


शिमला शहर के कांग्रेस विधायक हरीश जनार्था ने कहा कि शांति प्रिय तरीके से प्रोटेस्ट करें.  कानून के दायरे में रहकर काम करें. हमे इससे कोई आपत्ति नहीं. सुरक्षा का जिम्मा सरकार का है, जिसे सरकार देख रही है.


वहीं, हिंदू संगठन के कल्पी शर्मा ने कहा हम शांतिप्रिय ढंग से कल प्रदर्शन करने जा रहे हैं. संयोजित तरीके से हिमाचल की सामाजिक स्थिति प्रभावित की जा रही है, जिसे लेकर कल हम प्रदर्शन करेंगे पूरे प्रदेश भर से इसमें लोग आएंगे.  व्यापार मंडल के अध्यक्ष से बताया कि संजौली बाजार में काफी दिक्कत है. एक दुकानदार अपना टैक्स भर रहा है, हर फॉर्मेलिटी पूरा कर रहा है. उसकी दुकान में कोई नहीं आ रहा है. ऐसे में हर जगह पर रेडी लगाकर बैठ जाते हैं. 


वहीं, इसपर मस्जिद के पूर्व प्रेजिडेंट लतीफ वे कहा कि हम मस्जिद के कागजात पुलिस स्टेशन में दे दिए गए हैं. प्रदर्शन करना उनका अधिकार है. मुस्लिम समुदाय को कोई रणनीति नहीं है. जैसा कोर्ट का फैसला करेगी, उसे स्वीकार करेंगे.


इस मुद्दे पर हिमाचल प्रदेश के डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की.  उन्होंने कहा कि इस मामले पर एक बैठक हुई है और सभी संबंधित लोगों के साथ चर्चा हुई है. डॉ. वर्मा ने इसे एक स्थानीय विवाद बताया है और कहा है कि इंटेलिजेंस इनपुट लिया गया है और स्थिती के अनुसार तैयारी की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि शरारती तत्वों पर पुलिस की नजर है और विदेशी होने का कोई इनपुट नहीं है. 


डॉ. वर्मा ने अपील कि है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और अगर किसी को कोई संदेह है तो पुलिस को शिकायत करें.  उन्होंने यह भी कहा कि आगामी धरने के लिए तैयारी पूरी है और किसी भी कानून की उल्लंघन पर कार्यवाही की जाएगी.  बता दें, डॉ. अतुल वर्मा को हाल ही में हिमाचल प्रदेश पुलिस का नया महानिदेशक नियुक्त किया गया है. 


रिपोर्ट- समीक्षा कुमारी, शिमला