नितेश सैनी/मंडी: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में जोगिंदरनगर उपमंडल की ग्राम पंचायत लडभड़ोल के कुड्ड में एक प्राचीन गुफा है, जहां प्राकृतिक तौर पर अनेकों शिवलिंग का निर्माण होता रहता है. वर्तमान में इस प्राकृतिक गुफा में ऐसे अनेकों शिवलिंग निर्मित हो चुके हैं. यह प्रक्रिया अभी भी निरंतर जारी है. इस प्राचीन गुफा में प्राकृतिक तौर पर पानी की बूंदें निरंतर गिरती रहती हैं. यह प्रक्रिया सैंकड़ों वर्षों से निरंतर जारी है, जिसके कारण यहां अनेकों प्राकृतिक तौर पर शिवलिंग निर्मित हुए हैं. 


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गुफा में मिलता है प्रकृति का एक अनुपम अनुभव 
एक बड़ी पहाड़ी के नीचे स्थापित यह प्राकृतिक गुफा महादेव के प्रति आस्था रखने वालों को अपनी ओर आर्किषत करती है. श्रद्धालु इस गुफा के दर्शन करते हुए इसे एक छोर से दूसरे छोर तक आसानी से पार करते हैं. इस बीच प्राकृतिक तौर पर गिरती पानी की बूंदें जहां श्रद्धालुओं में महादेव के प्रति आस्था को मजबूत करती है, वहीं प्रकृति का एक अनुपम अनुभव भी मिलता है. बाहर से देखने पर इस प्राचीन गुफा में कई तरह की आकृतियां देखने को मिलती हैं जो प्राकृतिक तौर पर स्वयं निर्मित हुई हैं.


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सदियों पुरानी है गुफा
कहते हैं यह गुफा सदियों पुरानी है. इसी प्राकृतिक गुफा के सामने एक विशाल चट्टान का छत्र है, जिसके नीचे भी भगवान शिव, महाकाली और हनुमान जी के मंदिरों के साथ नवग्रहों की भी स्थापना की गई है. यह एक ऐसा स्थान है जहां बारिश की एक भी बूंद नहीं गिरती है और प्राकृतिक तौर पर निर्मित यह छत्र भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है.


इस जगह स्थित है ये गुफा
यह स्थान उपमंडल मुख्यालय जोगिन्दर नगर से वाया गोलवां लगभग 40 किलोमीटर, प्रमुख धार्मिक स्थान बैजनाथ से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह पवित्र धार्मिक स्थान विश्व प्रसिद्ध पैराग्लाइडिंग साईट्स बीड़-बिलिंग से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर है.