Himachal Pradesh Vidhansabha Election 2022: हिमाचल विधानसभा चुनाव (Himachal Chunav Date) के लिए अब कुछ ही दिनों का वक्त बचा हुआ है. ऐसे में पार्टियों ने चुनाव के लिए कमर कस ली है. तमाम पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों की लिस्ट भी जारी कर दी है. आज कांग्रेस ने भी अपनी तीसरी लिस्ट जारी कर दी. वहीं. नामांकन का भी दौर हर दिन चल रहा है. कल यानी 23 अक्टूबर को नॉमिनेशन फाइल करने की आखिरी डेट है. बता दें, 12 नवंबर को प्रदेश में विधानसभा (Himachal Chunav) के चुनाव होने वाले हैं. कुल 68 विधानसभा सीट पर एक ही फेज में मतदान होंगे. जिसका परिणाम 8 दिसंबर को घोषित होगा. 


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हिमाचल चुनाव को लेकर प्रदेश में नेताओं का आना-जाना लगा हुआ है. पार्टी कार्यकर्ता भी हर दिन रैली और मीडिया वार्ता कर लोगों के सामने चुनाव से जुड़ी अपनी बात रख रहे हैं. वहीं, सोशल मीडिया पर भी तमाम पार्टियां काफी एक्टिव हैं. ऐसे में हम आपको हर दिन प्रदेश की एक-एक विधानसभा सीट का हर अपडेट और राजनीतिक समीकरण बता रहे हैं. आज के इस खबर में हम आपको बताएंगे सोलन जिले (Solan Vidhansabha Seat) की सोलन विधानसभा सीट (Solan Vidhansabha Seat) के बारे में.


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सोलन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सीट नंबर 53 है. इस सीट पर साल 2017 में कांग्रेस से डॉ धनी राम शांडिल (Dhani Ram Sandilya) विधायक हैं. साल 2017 में सोलन सीट पर कुल 48.16 प्रतिशत वोट पड़े थे. इस सीट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से धनी राम शांडिल ने भारतीय जनता पार्टी के राजेश कश्यप को 671 वोटों का मार्जिन से हराया था.
 
इसबार इससीट पर बीजेपी ने राजेश कश्यप (Rajesh Kashyap) को फिर से मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने भी  डॉ धनी राम शांडिल को फिर से टिकट दिया है. आम आदमी पार्टी की बात करें, तो अंजू राठौर को टिकट दिया है. 


बता दें, हिमाचल चुनाव में सबसे रोचक मुकाबला सोलन सीट पर होगा. इस सीट पर हर किसी की नजर है. एक बार फिर से सोलन विधानसभा सीट पर ससुर और दामाद के बीच चुनावी टक्कर होगी. कांग्रेस के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल तीसरी बार यहां से चुनावी मैदान में उतरे हैं. 2017 में भी ससुर और दामाद आमने-सामने थे. जिसमें ससुर ने जमाई को पटकनी देते हुए 641 मतों से हराया था.हालांकि, दोनों ने ही अपना नामांकन भर दिया है. 


बता दें, धनीराम शांडिल दो बार विधायक रहे चुके हैं. साल 2012-17 की कांग्रेस सरकार में वह सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री रहे हैं. आर्मी से रियाटर होने के बाद वह राजनीति में आए. 1999 में  उन्होंने लोकसभा का चुनाव हिमाचल विकास कांग्रेस को ओर से लड़ा और जीता भी. इसके 2004 में भी फिर से वह लोकसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की. इसके बाद पहली  बार उन्होंने 2012 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी. उस समय वह वीरभद्र सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रहे. 


कौन है राजेश कश्यप?
भाजपा से उम्मीदवार राजेश कश्यप की बात करें, तो वो पेशे से डॉक्टर है. हालांकि, बीते चुनाव में नौकरी छोड़कर वह चुनाव को ही अपना सब कुछ मान लिया. इसबार उनका यह दूसरा विधानसभा चुनाव है. 


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