शिमला में टैक्सी ऑपरेटरों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, सैंकड़ों की संख्या में सड़कों पर उतरे
Shimla News in Hindi: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में टैक्सी ऑपरेटरों सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग ने छ गुणा स्पेशल रोड टैक्स बढ़ाया.
Shimla News: मोटर व्हीकल टैक्स एक्ट 1972 के तहत हिमाचल प्रदेश ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा गाड़ियों के टैक्स की रिवाइज्ड कैटागिरी को 31 अक्टूबर 2023 को अधिसूचित किया गया. जिसे 1 नवंबर 2023 को राजपत्र में भी प्रकाशित किया गया था. ऐसे में शिमला टैक्सी ऑपरेटरों ने ट्रांसपोर्ट विभाग पर स्पेशल रोड टैक्स में 6 गुणा बढ़ाने के आरोप लगाए हैं और विभाग की फैसले का विरोध करते हुए आज यानी मंगलवार को शिमला में आरटीओ कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और टैक्स बढ़ोतरी के निर्णय को वापस लेने की मांग की है.
शिमला में ऑल हिमाचल कमर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि सरकार ने रोड टैक्स को लेकर जो रिवाइज्ड अधिसूचना जारी की है. उसके मुताबिक टैक्सी के स्पेशल रोड टैक्स को 1350 से बढ़ाकर सीधा 8,000 कर दिया है, जिससे टैक्सी ऑपरेटर को खासा नुकसान हो रहा है.
पहले ही हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. सरकार प्रदेश के भीतर टैक्सी चलाने वालों पर भारी भरकम टैक्स लगा रही है. जबकि बाहरी गाड़ियों में सरकार ने छूट दे रखी है. ऐसे में अगर सरकार ने स्पेशल रोड टैक्स में की गई बढ़ोतरी के निर्णय को वापस नहीं लिया, तो आने वाले दिनों में टैक्सी चालक गाड़ियों की चाबियां आरटीओ दफ्तर में जमा करेंगे और चक्का जाम करने को मजबूर होगें.
वहीं टैक्सी ऑपरेटर के विरोध को लेकर ट्रांसपोर्ट विभाग के निदेशक ने कहा कि सरकार ने किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं बढ़ाया है. टैक्सी ऑपरेटरों को किसी बात का कन्फ्यूजन हुआ है. ट्रांसपोर्ट विभाग ने रोड टैक्स को लेकर रिवाइज्ड अधिसूचना जारी की है जो इससे पहले 2006 में प्रकाशित किया गया था, लेकिन इसमें दो कैटागिरी कॉन्ट्रैक्ट कैरिज अंडर एग्रीमेंट इन हिमाचल और वैनिटी वैन छूट गई थी, जिन्हें टैक्स में समलित करके नवम्बर 2023 में अधिसूचित किया गया है, जिसमें किसी भी प्रकार के टैक्स की बढ़ोतरी नहीं की गई है. टैक्सी ऑपरेटरों को किसी बात का कन्फ्यूजन हुआ है. इसलिए उन्हें विभाग के लोगों से बात कर लेनी चाहिए थी. टैक्सी ऑपरेटरों का विरोध जायज नहीं है.
रिपोर्ट- समीक्षा कुमारी, शिमला