Bilaspur News: स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और अन्य मुद्दों में पंचायती राज संस्थानों की भूमिका को लेकर बिलासपुर के औहर स्थित पर्यटन परिसर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें बिलासपुर जिला की विभिन्न पंचायतों में चुने हुए प्रतिनिधि व जिला परिषद सदस्यों ने भाग लिया. 


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भारतीय संसदीय संस्थान जनसंख्या एवं विकास नई दिल्ली द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में हिमाचल प्रदेश में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की, तो साथ ही बिलासपुर से पूर्व विधायक तिलकराज शर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे.


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वहीं कार्यशाला के दौरान हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या नियंत्रण व विकास में महिलाओं की भूमिका पर सार्थक चर्चा की गई और पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने सहित महिला उत्पीड़न के मामलों पर नजर रखने की अपील की गई है, जिसके उपरांत कार्यशाला के अंत में पंचायत प्रतिनिधियों व जिला परिषद सदस्यों को प्रशिक्षण पत्र भी वितरित किये गए. 


राजेश धर्मानी ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पंचायत स्तर पर चुने गए प्रतिनिधियों के माध्यम से समाज में सकारात्मक एजेंडे को स्थापित करना है, ताकि महिला सशक्तिकरण के साथ ही उनके स्वास्थ्य व अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके और समानता का अधिकार केवल कागजों तक सीमित ना रहते हुए व्यवहारिक जीवन में भी दिखाई दे, जिससे हर नागरिक का राजनैतिक, सामाजिक शक्तिकरण के साथ ही आर्थिक विकास भी संभव हो सके. 


साथ ही उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश में महिला उत्पीड़न से सम्बंधित कई मामले सामने आते हैं. उन मामलों को सुलझाने व महिलाओं को न्याय मिल सके. इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. जिसमें पंचायत प्रतिनिधि अहम भूमिका अदा कर सकते हैं ताकि इन मामलों में कमी आ सके. साथ ही मंत्री राजेश धर्मानी ने कहा कि महिलाओं द्वारा बनाये गए विभिन्न ग्रुप को भी महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है, जिससे उन्हें और भी सशक्त बनाया जा सके.


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज