राकेश मल्ही/ऊना: हिमाचल प्रदेश सरकार, उद्योग विभाग के सहयोग व मार्गदर्शन से जिला ऊना के तीन युवा उद्यमियों ने गांव बसाल में एक टफन ग्लास का उद्योग स्थापित किया है. देवभूमि ग्लास प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित इस उद्योग में लगभग 40 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें 80 प्रतिशत कर्मचारी हिमाचलवासी हैं.


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युवा उद्यमियों में से एक युवक तनवीर ठाकुर ने बताया कि इससे पहले वह निजी क्षेत्र में सिविल इंजीनियर के तौर पर नौकरी कर रहे थे. बाद में उन्हें एक दिन कुछ ऐसा करने का ख्याल आया, जिसकी बदौलत वह कुछ अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकें. इसके बाद उन्होंने अपने दो युवा उद्यमी मित्रों राहुल सैनी और सुखबिंदर सिंह के साथ मिलकर जिला ऊना के गांव बसाल में टफन ग्लास की उत्पादन इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया.


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तनवीर ठाकुर ने बताया कि औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए उद्योग विभाग द्वारा दिए गए 1000 वर्ग मीटर के औद्योगिक प्लॉट पर प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें लगभग 7 लाख 50 हजार रुपये की अनुदान राशि दी गई. उन्होंने बताया कि उद्योग में उत्पादन शुरू हुए. अभी केवल 2 महीने हुए हैं और उत्पादन अपेक्षा के अनुरूप बेहतर है.


वहीं, ऊना उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक ने बताया कि उद्योग विभाग के औद्योगिक क्षेत्र बसाल में जिला के तीन युवा उद्यमियों द्वारा टफन ग्लास के उत्पादन की इकाई स्थापित की है, जिसमें आधुनिक प्रौद्योगिकी की मशीनरी व उपकरण स्थापित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इस इकाई की स्थापना के लिए उद्योग विभाग द्वारा लगभग 1000 वर्ग मीटर का औद्योगिक प्लॉट उद्योग विभाग द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान पर दिया गया है, जिसमें उन्हें लगभग साढे सात लाख रुपये की बचत हुई है.


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इसके अलावा उद्योग विभाग द्वारा देवभूमि ग्लास प्राइवेट लिमिटेड को प्रदेश सरकार की ओर से रियायती दरों पर बिजली, इकाई द्वारा सरकार को दिए गए वस्तु एवं सेवा कर के 80 प्रतिशत हिस्से की वापसी के साथ-साथ अन्य प्रोत्साहन भी समय-समय पर प्रदान किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस इकाई में उत्पादन शुरू हो चुका है और यहां अति उत्तम गुणवत्ता का टफन ग्लास निर्मित किया जा रहा है.


अंशुल धीमान क्षेत्र ने शिक्षित और जॉब कर रहे युवाओं से आह्वान किया है कि वे उद्योग विभाग के माध्यम से अपना उद्योग स्थापित करने के लिए आगे आएं और आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ अन्य लोगों के लिए भी रोजगार सृजन का माध्यम बनें, जिसके लिए विभाग की ओर से कई प्रकार की योजनाओं के माध्यम से सहायता भी दी जा रही है. 


वहीं, इस उद्योग में कार्यरत स्थानीय युवाओं ने बताया कि इस उद्योग के खुलने से उनके जैसे अनेक हिमाचलवासियों को अपने घर के पास और प्रदेश के भीतर ही रोजगार प्राप्त मिला है. पहले उन्हें दूर-दराज के क्षेत्र में जाकर नौकरी करनी पड़ती थी और वेतन भी कम मिलता था, लेकिन अब अपने घर के पास ही उन्हें काम भी मिल रहा है और वेतन भी अच्छा मिल रहा है. 


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