विजय भारद्वाज/बिलासपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साढ़े नौ वर्षों के कार्यकाल के दौरान चलाई गई विकासात्मक योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के मकसद से देशभर में विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू की गई है. इसके साथ ही केंद्र की योजनाओं को दर्शाता हुआ वाहन गांव-गांव जाकर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है जो विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान किसानों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बन रहा है.


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खेतों का कप्तान यानी ड्रोन 'विकसित भारत यात्रा' के तहत लोगों को केंद्र की योजनाओं की जानकारी दे रहा है. यह वाहन जिस पंचायत में जा रहा है, वहां इसके साथ खेतों का कप्तान भी किसानों को जागरूक करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से भेजा गया है, वहीं खेतों का कप्तान नाम से शुरू हुई ड्रोन विधि के संबंध में किसानों को जानकारी देने के लिए दो पायलट भी भेजे गए हैं. 


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गौरतलब है कि किसानों की मदद के लिए बनाई गई ड्रोन विधि गरुडा एयरोस्पेस कंपनी द्वारा निर्मित है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों के लिए खेतीबाड़ी तकनीक को सरल बनाना है. साथ ही ड्रोन के माध्यम से फसलों में कैमिकल छिड़काव, फर्टिलाइजर, नैनो यूरिया और पानी का छिड़काव करना है ताकि किसान अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सुरक्षित तौर पर फसलों की पैदावार कर सकें, वहीं विकसित भारत यात्रा के दौरान ड्रोन विधि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर भी पहुंची, जहां ड्रोन पायलट गौतम और शुभम द्वारा स्थानीय किसानों को इस विधि के संबंध में जानकारी दी गई है. 


बता दें, ड्रोन विधि का इस्तेमाल करने से पहले सेटेलाइट सिंग्नल चैक करना जरूरी होता है और कम से कम 16 सेटेलाइट सिग्नल व अधिकतम 30 सेटेलाइट सिग्नल के बाद ही इस विधि का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके साथ ही किसानों के लिए उपयोगी इस ड्रोन में कैमिकल व पानी के छिड़काव के लिए 4 नोसलस के साथ 11 लीटर वाटर टैंक की सुविधा है और यह ड्रोन 15 मीटर ऊंचा और 100 मीटर तक की दूरी तय कर कैमिकल व पानी का छिड़काव कर सकता है. 


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वहीं 25 हजार एमएच की दो बैटरी सुविधा से लेस यह ड्रोन 45 मिनट में फुल चार्ज हो जाता है, जिसे सी टाइप केबल से चार्ज किया जा सकता है और फुल चार्ज होने के बाद यह ड्रोन 7 मिनट तक उड़कर एक एकड़ जमीन पर कैमिकल व पानी का छिड़काव कर सकता है, वहीं इस खेतों के कप्तान रूपी ड्रोन विधि को कंट्रोल करने के लिए एक ट्रांसमीटर भी उपलब्ध रहता है और सेंसर सुविधा से लैस यह ड्रोन किसी पेड़, पत्थर और इंसान के संपर्क में आने पर सिग्नल देता है. 


इसके साथ ही ड्रोन में लगे कैमरों में एलईडी लाइट्स की भी सुविधा है ताकि रात के समय में भी किसान अपने खेतों में कैमिकल व पानी का छिड़काव कर सकता है. वहीं आने वाले समय में देश के किसानों को यह ड्रोन विधि केंद्र सरकार द्वारा सबसीडी पर दी जाएगी, जिसके प्रशिक्षण के लिए एक पायलट भी किसानों को मिलेगा ताकि किसानों द्वारा सुरक्षित तौर पर इस ड्रोन का इस्तेमाल अपने खेतों में किया जा सके, वहीं विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान किसानों को प्रशिक्षित करने के मद्देनजर लाई गई इस ड्रोन विधि से बिलासपुर के किसान भी काफी खुश नजर आ रहे हैं और उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों को ज्यादा सबसीडी पर यह ड्रोन विधि उपलब्ध करवाने की अपील भी की है.


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