समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में गर्मियों में पानी का संकट गहराया हुआ है. कई क्षेत्रों में दो से तीन दिन बाद लोगों को पानी मिल रहा है. वहीं शहर में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं और पानी की मुख्य लाइनों में से लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है. मशोबरा में पानी की मुख्य लाइन से पानी लीकेज हो रहा था और पानी खुले में बह रहा था, जिसका वीडियो बनाकर स्थानीय लोगों ने नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान को भेजा. वहीं, महापौर भी अधिकारियों के साथ मशोबरा पहुंचे और मौके का जायजा लिया. इसके बाद अधिकारियों को लीकेज को बंद करने के निर्देश दिए. 


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नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि मशोबरा में पानी की लीकेज की शिकायत मिली थी. यहां पर आज अधिकारियों के साथ आए हैं. अधिकारियों को यहां लीकेज बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि शिमला के लिए जो पाइपलाइन बिछाई गई है वह काफी पुरानी है, जिसके चलते पानी काफी जगह से लीकेज हो रही है और पानी बर्बाद हो रहा है. 


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उन्होंने कहा कि शिमला में पानी का वैसे भी इन दोनों संकट गहराया हुआ है. अगर लीकेज पूरी तरह से रोक दी जाए तो पानी की समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है. गुम्मा से जो शिमला के लिए पानी की लाइन 100 साल पुरानी है. इसे बदलने को लेकर भी कार्य शुरू किया गया है, जिस पर 4 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे पानी की लीकेज काफी हद तक बंद की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि शिमला शहर में हर रोज 40 एमएलडी पानी आ रहा है. इसके बावजूद 2 लाख की आबादी को पानी न मिल पाना चिंता का विषय है. इसे लेकर जल निगम के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं.


बता दें, शिमला शहर में इन दिनों पानी का संकट गहराया हुआ है. कई क्षेत्रों में तीन दिन बाद भी लोगों को पानी मिल रहा है. हालांकि शिमला शहर में 40 से 42 एचडी पानी की जरूरत रहती है. इन दिनों भी 40 के करीब एमएलडी पानी आ रहा है. इसके बावजूद शिमला शहर के लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. जल निगम का तर्क है कि पर्यटन सीजन के चलते पानी की ज्यादा खपत रहती है और परियोजनाओं में भी पानी का स्तर कम हो गया है. 


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