समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी और पहाड़ों की रानी शिमला (shimla weather) के ऊंचे इलाको में आज लोहड़ी (lohri 2023) पर सीजन का पहला हिमपात (snowing) हुआ है. करीब ढाई महीने बाद मौसम ने यहां ड्राई स्पैल के चक्कर को तोड़ा है. रात से ही आसमान से बर्फ के फाहे गिर रहे हैं. शिमला के माल रोड, यूएस क्लब, जाखू में बर्फ की हल्की सफेद चादर बिछ गई है. दूसरी जगहों पर बारिश की हल्की बौछारें गिर रही हैं. बर्फबारी शुरू होने से शिमला में ठंड भी काफी बढ़ गई है. ऊपरी शिमला कुफरी, मशोबरा, नारकंडा, खड़ा पत्थर, चौपाल, रोहडू, चांशल, नारकंडा सहित तमाम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रुक-रुक कर बर्फबारी हो रही है.


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इन इलाकों में हिमपात का येलो अलर्ट 
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि किन्नौर, लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिले के ज्यादा ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्रों में भारी हिमपात का येलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि शिमला, चंबा, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिले के ऊंचे इलाकों में भी अगले 3 दिन तक मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है. वहीं, मौसम विभाग ने चंबा के तीसा और भटियात में 13 जनवरी को भारी हिमपात का अलर्ट जारी किया है. कांगड़ा के अधिक ऊंचे क्षेत्रों, शिमला और सिरमौर में आज रात और कल दो दिन तक भारी बर्फबारी होने का अनुमान जताया है. 


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सैलानियों और स्थानीय लोगों के लिए एडवाइजरी जारी
शिमला सहित हिमाचल की तमाम ऊंची चोटियों पर हो रही बर्फबारी से प्रदेश में पर्यटन कारोबार में उछाल आने की उम्मीद है. लोगों ने बर्फबारी की चाह में हिमाचल का रुख शुरू कर दिया है. कुल्लू मनाली, धर्मशाला, चंबा और अब शिमला में बर्फबारी शुरू होने से यहां भी पर्यटकों की आमद बढ़ गई है. मौसम विभाग की भविष्यवाणी को देखने के बाद लोगों ने एडवांस बुकिंग करनी शुरू कर दी थी. यहां के होटल्स में 80 प्रतिशत तक ऑक्युपेंसी बढ़ गई है. यहां वाले सैलानियों और स्थानीय लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें बर्फबारी के येलो अलर्ट के दौरान सैलानियों और स्थानीय लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है. खासकर अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में ट्रैकिंग न करने के लिए कहा गया है.


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इससे पहले भी जारी हुआ था येलो अलर्ट
बता दें, इससे पहले जिला सिरमौर में 11 और 12 जनवरी के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया था, जिसे लेकर जिला प्रशासन ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली थीं. जिला में पीडब्ल्यूडी, जल शक्ति विभाग समेत विद्युत विभाग को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश जारी किए गए थे ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में निपटने के लिए तुरंत प्रभाव से राहत कार्य शुरू किया जा सके. वहीं, प्रदेश में काफी समय से बारिश न होने की वजह से यहां के किसानों को बारिश का बेसब्री से इंतजार था ताकि उनकी फसल खराब न हो, लेकिन मौसम ने सभी के साथ छल कर दिया. येलो अलर्ट के दौरान ऊंचाई वाले इलाकों में तो बारिश हुई, लेकिन निचले इलाके अभी भी बारिश के तरस रहे हैं. 


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