Deepfake AI scam news in Hindi: दुनियाभर में AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर काफी चर्चा हो रही है. लोग इसके बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं. जहां एक ओर टेक्नोलॉजी से काम आसान हो रहे हैं तो वहीं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के आते ही इसका गलत इस्तेमाल भी शुरू हो गया है.  अब एआई की मदद से स्कैम के मामले भी सामने आने लगे हैं.  


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जानकारी के अनुसार, एआई की डीपफेक तकनीक की मदद से केरल के एक व्यक्ति को 40 हजार रुपये का चूना लगाया गया है. यानी की शख्स के साथ फ्रॉड हुआ है. ऐसे में इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्या है ये डीपफेक स्कैम और कैसे इससे बच सकते हैं. 


सबसे पहले आपके जानकारी के लिए बता दें, 9 जुलाई को, केरल के एक व्यक्ति जिसका नाम राधाकृष्णन है. उसके साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित घोटाले में 40,000 रुपये का नुकसान हुआ. ये तब हुआ जब पहले सहकर्मी होने का दावा करने वाले किसी व्यक्ति ने उसे फोन किया और अस्पताल में एक रिश्तेदार की मदद के लिए पैसे मांगे. ऐसे में फिर एक कॉल आता है, जिसमें कॉल पर वो 30, 000 रुपये की मांग रखता है.  ऐसे में दोबारा रुपये मांगने पर राधाकृष्णन को शक हुआ और जिसपर उन्होंने साइबर सेल में शिकायत की. 


वे एआई के माध्यम से बनाए गए हैं जो गहन शिक्षण का उपयोग करता है - बड़ी मात्रा में डेटा पर खुद का विश्लेषण और प्रशिक्षण करने वाले एल्गोरिदम।


मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, डीपफेक एक तरह की भ्रम पैदा करने वाली कॉल या वीडियो कॉल है. जिसे सुनकर या देखकर आपको ये लगेगा कि आप किसी अपने से ही बात कर रहे हैं. डीपफेक किसी की भी आवाज को हुबहू उतारने में सक्षम है. ऐसे में किसी के कॉल आने पर आपको लग सकता है कि ये तो मेरे अपने ने ही कॉल किया है और ऐसे समझकर जब आप मदद करते हैं, तो आपके साथ फ्रॉड हो चुका होता है. 


आप कई बार ऐसी चीजें अपने आस-पास, फिल्मों में या फिर सोशल मीडिया पर देखते होंगे. जहां पर निकली आवाज बनाकर लोग हर किसी की आवाज निकाल लेते हैं और सुनने वाले को यही लगता है कि ये बिल्कुल असली आवाज जैसा है. 


आपको बता दें, ये स्कैम या धोखाधड़ी तब होती है. जब घोटालेबाज किसी शख्स के बारे में, उसके दोस्तों और परिवार के बारे में काफी जानकारी इकट्ठा करके रखता है. ऐसा करने के बाद वो उस व्यक्ति को निशाना बनाता है. ये जानकारी वो खुद भी या सोशल मीडिया के जरिए भी निकाल लेता है. 


वहीं, आडियो कॉल के अलावा धोखेबाज वीडियो कॉल भी करते हैं. जब वीडियो की बात आती है, तो स्कैमर्स एक व्यक्ति के चेहरे की हरकतों को दूसरे व्यक्ति पर मैप करने के लिए एआई का उपयोग करते हैं. इसके बाद वह फोन कॉल और वीडियो कॉल करते हैं, जिस पर वे आपके दोस्त या परिवार होने का दावा करते हैं और अपासे किसी बात पर बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए डिमांड करते हैं. 


एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय इस नकली और असली आवाज में अंतर नहीं कर पाते हैं और इसी कारण वो धोखा खा जाते हैं. ऐसे में इससे बचने के लिए आपको अपनी निजी जानकारी जितनी हो सके. उतनी कम ही सोशल मीडिया पर शेयर करनी चाहिए. आज कल  लोग अपने जीवन के बारे में हर छोटी-बड़ी चीज ऑनलाइन शेयर करते हैं. जिससे जालसाजों को और जानकारी मिल जाती है.