मंडी प्रशासन के प्रयास लाए रंग, 20 साल पहले बिछड़ी हुई महिला को मिल गया अपना परिवार
Mandi News: साकम्मा जिंदा है...जी हां, आपको भी लग रहा होगा की ये क्या है. दरअसल, मंडी जिला प्रशासन के प्रयास रंग लाए हैं. 20 बरस बाद परिवार के बीच पहुंची साकम्मा. जानें क्या है पूरा मामला.
Mandi News: लगभग 20 वर्ष पहले परिवार से बिछड़ चुकी कर्नाटक की एक महिला को मंडी जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार के प्रयासों से फिर से अपनों का साथ नसीब हुआ है. जिले के वृद्धाश्रम भंगरोटू में जीवन बसर कर रही साकम्मा अब अपने परिवार के पास वापस लौट गई हैं.
मंडी जिला प्रशासन ने उन्हें कर्नाटक से आई सामाजिक कल्याण विभाग की एक टीम के हवाले कर दिया है. बता दें कि हिमाचल सरकार ने कर्नाटक राज्य सरकार से समन्वय स्थापित कर उनकी घर वापसी सुनिश्चित की. उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने कहा कि राज्य सरकार के साथ ही जिला प्रशासन का निरंतर प्रयास रहता है कि समाज में वंचित वर्ग के कल्याण के लिए कार्य करते रहें.
बता दें, प्रदेश के सभी उपायुक्त समय-समय पर वृद्ध व अनाथ आश्रमों का निरंतर निरीक्षण करते रहते हैं. इसी कड़ी में अतिरिक्त उपायुक्त मंडी रोहित राठौर ने गत दिनों वृद्ध आश्रम भंगरोटू का निरीक्षण किया तथा वहां पर रह रहे सभी लोगों की जांच-पड़ताल की. जांच में एक ऐसी महिला से बात हुई, जो कर्नाटक राज्य की रहने वाली हैं. वह हिन्दी नहीं जानती थी, जिस कारण उनके घर-परिवार का सही पता नहीं चल पा रहा था.
घर वापसी में भाषा बन रही थी बाधा
मंडी जिला में सेवारत कर्नाटक राज्य से संबंध रखने वाले आईपीएस प्रोबेशनर रवि नंदन ने इस महिला से बात की. इसके परिणामस्वरूप महिला के घर व उसका परिवार कहां रहता है. इस बात की पूरी जानकारी हासिल की गई. इसके बाद महिला के परिवार से बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा परिवार था, जो इस महिला के गुम होने के बाद इसके मिलने की आशा छोड़ चुका था. इसके बच्चे व पोते यही मान रहे थे कि शायद अब वह इस दुनिया में नहीं हैं. अपनों को ढूंढने में एसडीएम पालमपुर नेत्रा मैत्ती ने भी इसमें सहयोग दिया.
इसके बाद प्रदेश सरकार के स्तर पर संबंधित कर्नाटक राज्य सरकार से सम्पर्क कर उसकी घर वापसी की राह सुनिश्चित की गई. कर्नाटक सरकार द्वारा जिला प्रशासन विजय नगर से कल्याण विभाग की तीन सदस्यों की टीम वृद्ध आश्रम भंगरोटू भेजी गई, जो इस महिला को अपने साथ घर ले गई है.
साकम्मा को एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी की उपस्थिति में विजय नगर से आई तीन सदस्यों की टीम के हवाले किया गया. इस अवसर पर मौजूद कर्नाटक के सामाजिक कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधीक्षक बासोराज हेमजी ने कहा कि साकम्मा कर्नाटक के जिला विजय नगर के गांव दनायाकनाकेरे की रहने वाली हैं तथा लगभग 20 साल पहले लापता हो गई थी.
काफी ढूंढने के बावजूद इनका पता नहीं चल पाया तो घर वाले इसे मृत समझ बैठे थे. यह महिला कब और कैसे हिमाचल पहुंच गई, इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. हालांकि उनके कुशल-मंगल का समाचार सुनकर तीनों बच्चे व परिवारजन बेहद प्रसन्न हैं कि साकम्मा जिंदा हैं. उन्होंने इन मानवीय प्रयासों के लिए प्रदेश सरकार, मंडी जिला प्रशासन तथा वृद्ध आश्रम के संचालकों सहित इस मामले से जुड़े सभी लोगों का आभार व्यक्त किया है.
रिपोर्ट- नितेश सैनी, मंडी