Bilaspur News in Hindi: हिमाचल प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे जिला परिषद अधिकारी एवं कर्मचारियों की कलम छोड़ हड़ताल को 18 दिन पूरे होने जा रहे है. लेकिन अब तक प्रदेश सरकार द्वारा उनकी मांगों को नजर अंदाज किया जा रहा है. एक ओर जहां 30 सितंबर से जिला परिषद अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कलम छोड़ अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है, तो दूसरी ओर पंचायत स्तर पर विकास ठप पड़े है. 


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वहीं जिला परिषद अधिकारियों व कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते पंचायतों के विकास कार्यों पर पड़ रहे खासा प्रभाव को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा उन्हें नोटिस जारी किया गया है. जिसके जबाव में जिला परिषद कैडर अधिकारी व कमर्चारियों द्वारा पंचायत स्तर पर बने कार्यालयों की चाबियां खंड विकास अधिकारी को सौंप रहे हैं. 


गौरतलब है कि पंचायत स्तर पर कार्यालयों में ठप पड़े विभिन्न कार्यों को देखते हुए प्रशासन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था कर सिलाई अध्यापिकाओं, पंचायत चौकीदारों व ग्राम रोजगार सेवक की ड्यूटी लगाई गई है, ताकि ग्रामीण स्तर पर लोगों के महत्वपूर्ण कार्य ना रुक सके. जिसे देखते हुए जिला परिषद कैडर के पंचायत सचिवों व कर्मचारियों ने खंड विकास अधिकारी को चाबी सौंपने का निर्णय लिया है. जहां एक ओर बिलासपुर जिला के घुमारवीं व झंडूता उपमंडल के तहत जिला परिषद कैडर के अधिकारियों व कर्मचारियों ने बीडीओ को पंचायत कार्यालयों की चाबी सौंप दी है, तो वहीं मंगलवार को बिलासपुर सदर व नैनादेवी से संबंधित जिला परिषद कैडर के अधिकारियों व कर्मचारियों ने बीडीओ को पंचायत कार्यालय की चाबियां सौंपने का काम किया है. 


वहीं, हड़ताल पर बैठे विकास खंड बिलासपुर के पंचायत सचिव अरुण शर्मा का कहना है कि प्रदेश सरकार आपदा के हवाला देते हुए जहां जिला परिषद कैडर के अधिकारी व कर्मचारियों की विभाग में विलय की मांग को नजर अंदाज कर रही है तो कैडर के अधिकारियों व कर्मचारियों ने आपदा की इस घड़ी में 16 लाख रुपए से अधिक धनराशि आपदा राहत कोष में देने का काम किया है.


इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों का एक दिन का वेतन आपदा राहत कोष में देने के सरकार के निर्णय के बाद कैडर के अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन से भी एक दिन का वेतन आपदा कोष में क्यों लिया गया है. जब यह अधिकारी व कर्मचारी सरकारी विभाग के अंतर्गत नहीं आते है. 


वहीं हिमाचल प्रदेश जिला परिषद अधिकारी व कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष नागेंद्र चंदेल का कहना है कि जिला परिषद कैडर के कर्मचारी प्रदेश सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार मगर सरकार विभाग में विलय की उनकी मांगों को पूरा करने के बजाए प्रशासन के जरिये नोटिस दिया जा रहा है जिसे देखते हुए कैडर के अधिकारी व कर्मचारी विकास खण्ड अधिकारी को पंचायत कार्यालयों की चाबी सौंपते है ताकि लोगों का काम प्रभावित ना हो सके और उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल भी लगातार जारी रह सके.