अमन कपूर/अंबाला: हरियाणा के अंबाला में गांव धीन के रहने वाले सरबजोत सिंह ने चीन में चल रही एशियन गेम्स में अपनी टीम के साथ गोल्ड मेडल जीत कर देश का नाम रोशन किया है, जिसके बाद गांव में खुशी का माहौल है. आस-पास के लोग भी सरबजोत के घर बधाई देने पहुंच रहे हैं. सरबजोत के माता-पिता खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. उन्हें अपने बेटे की कामयाबी पर गर्व महसूस हो रहा है. सरबजोत के कोच अभिषेक राणा भी खुद को गर्वित महसूस कर रहे हैं, उनका कहना है कि सरबजोत 2024 में होने वाले ओलंपिक खेलों में भी भाग लेने की पूरी तैयारी कर रहा है.


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अंबाला के गांव धीन के किसान जतिंदर सिंह के 22 वर्षीय बेटे सराबजोत सिंह ने चाइना में चल रही एशियन गेम्स में टीम के साथ गोल्ड मेडल जीत कर न केवल अंबाला बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन किया है. सरबजोत के कोच अभिषेक राणा ने बताया कि सरबजोत ने 2016 में अंबाला छावनी स्थित उनकी एकेडमी ज्वाइन की थी. 2017 में सरबजोत ने पहला नेशनल मेडल जीता था और फिर उसने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा.


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2019 में सरबजोत जूनियर वर्ल्ड कप जीतकर वर्ल्ड चैंपियन बना. 2021 और 2022 मे सरबजोत ने लगातार दो बार नेशनल चैंपियन का खिताब हासिल किया. सरबजोत ने इसके बाद मार्च 2023 में भोपाल में फिर से गोल्ड मेडल जीत कर अपना रुतबा बरकरार रखा. उन्होंने बताया कि चाइना में चल रही एशियन गेम्स में तीन सदस्यीय टीम शिवा नरवाल, सरबजोत सिंह व अर्जुन सिंह चीमा ने गोल्ड मेडल जीत कर देश का नाम रोशन किया है जबकि सरबजीत ने चौथा रैंक हासिल किया है. 


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वहीं सरबजोत के पिता जतिंदर सिंह काफी खुश दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि गोल्ड मेडल जीतने पर उन्हे बहुत अच्छा लग रहा है. लोग लगातार घर पर बधाई देने आ रहे हैं. सरबजोत के पिता जतिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने चेयरमैन राणा सिंह के कहने पर सरबजोत को शूटिंग में भेजा था और उसने देशभर में बल्ले-बल्ले करवा दी. उन्होंने बताया कि सरबजोत खेतों में बहुत कम जाता था. वह अपना पूरा समय एकेडमी में ही शूटिंग करता था. 


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