धर्मेंद्र सिंह/खन्ना: पंजाब सरकार की ओर से मार्किट कमेटी मुलाजिमों की मिली भगत से बाहरी राज्यों से धान की फसल मंडियों में पहुंचने का अंदेशा जताते हुए विजिलेंस जांच के आदेश जारी किए गए है, वहीं अगर बात की जाए एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना की तो खन्ना मंडी में फसल पिछले साल के बराबर पहुंच चुकी है. इस बार फसल की अच्छी पैदावार के चलते पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक फसल पहुंचने का अनुमान था. सरकार के इस फैसले से किसान यूनियन नेता और आढ़ती सहमत नहीं है, वहीं मार्किट कमेटी सचिव भी किसी भी गड़बड़ी से इनकार कर रहे हैं.


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किसान यूनियन के नेता अमृत बेनिपाल ने मिलीभगत की जताई आशंका
किसान यूनियन के नेता अमृत बेनिपाल का कहना है कि सरकार किसानों को सुविधा देने की बजाए अलग ही फरमान सुना रही है. उन्होंने कहा कि मंडी में ज्यादा फसल पहुंची है. अगर बाहरी राज्यों से फसल पंजाब की मंडियों में आई है तो वो बिना मिलीभगत से नहीं आ सकती है. वहीं फेडरेशन ऑफ आढ़ती एसोसिएशन पंजाब के सचिव यादविंदर सिंह लिबड़ा ने कहा कि जब किसानों की जमीन पोर्टल पर मैप है और किसानों को अदायगी भी सरकार सीधी करती है तो फिर बाहर से धान कैसे मंडी में बिक सकता है. 


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खन्ना मार्किट कमेटी सचिव मनजिंदर सिंह मान कही यह बात
वहीं जब इस संबंध में खन्ना मार्किट कमेटी सचिव मनजिंदर सिंह मान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मंडी में रुटीन के अनुसार ही फसल पहुंच रही है. दिवाली के दिन फसल की आमद कम हुई है. उन्होंने कहा कि आजकल तो किसान खुद जागरुक हैं. वे पंजाब की सरहद से ही बाहरी राज्यों की फसल दाखिल नहीं होने देते है. 


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