Pathankot News: किसी भी क्षेत्र में लड़कियां लड़कों से कम नहीं है.  ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पठानकोट की दसवीं की छात्रा विशाखा ने. पठानकोट से मोहल्ला कच्चे क्वार्टर मॉडल टाउन निवासी दसवीं की छात्रा विशाखा ने साढे चार साल पहले ही अपने पिता दीपू पहलवान से कुश्तियां के गुण सीखना शुरू कर दिया था. 


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अब उसने स्टेट लेवल कुश्ती में गोल्ड मेडल जीता है. विशाखा अब नेशनल जीतने की तैयारी में जुट गई है. वो 28 फरवरी को ऑल इंडिया रेसलिंग एसोसिएशन द्वारा आयोजित नेशनल लेवल कंपटीशन में भाग लेने जा रही है. विशाखा ने बताया कि पहलवानी उसने अपने पिता से सीखी है, जिन्होंने कुछ साल पहले पठानकोट में हुए दंगल मुकाबलों में पाकिस्तान के पहलवान को हराकर कुश्ती जीती थी.


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रोजाना 4 घंटे कुश्तियां की प्रैक्टिस उसके पिता उसे कराते हैं, एक्सरसाइज के बाद नई सब्जी मंडी के निकट महाबली अखाड़ा में सुबह शाम वो अपने पिता से दाव पेच सीखती हैं. विशाखा के पिता दीपू पहलवान ने बताया कि वह केवल अपनी लड़की को ही नहीं बल्कि पठानकोट की कई लड़कियों और लड़कों को रोजाना कुश्ती की प्रैक्टिस करवाते हैं. 


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उनमें से कई बच्चों ने बहुत सारे मेडल जीते हैं.  उन्होंने कहा कि इस गेम में लड़कों को ही नहीं बल्कि लड़कियों को भी आगे आना चाहिए. लड़कियां स्पोर्ट्स में ओलंपिक तक पहुंची है उनका मानना है कि बच्चों को स्पोर्ट्स के साथ जरूर जुड़ना चाहिए.