IGMC में बिना चीर फाड़ के किया गया ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपरेशन, डॉक्टर्स ने किया ये बड़ा दावा
Brain Tumor Operation: IGMC शिमला में बिना चीर फाड़ किए ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपरेशन किया गया है, जिसमें मरीज का एक बूंद खून भी नहीं निकला और उसे जल्द ही घर भी भेज दिया गया. शिमला के डॉक्टर्स ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी का ऑपरेशन इस तरह हुआ है.
समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (IGMC) के न्यूरो सर्जन विभाग को बड़ी सफलता हाथ लगी है. इस विभाग के चिकित्सकों ने पहली बार बिना चीर फाड़ किए ब्रेन ट्यूमर (Brain tumor) का सफल ऑपरेशन किया है. चिकित्सकों ने आधुनिक एंडोस्कोपी तकनीक (Endoscopy Technology) का प्रयोग करके मरीज की नाक के रास्ते ब्रेन से ट्यूमर को बाहर निकाला है.
इससे पहले ऑपरेशन के लिए खोलना पड़ता था पूरा सिर
इससे पहले न्यूरो विभाग के चिकित्सकों को ब्रेन ट्यूमर निकालने के लिए बड़ा ऑपरेशन करना पड़ता था. इसके लिए उन्हें मरीज का पूरा सिर खोलकर दिमाग को अलग करना पड़ता था, जिसमें मरीज के साथ-साथ चिकित्सकों को भी परेशानी आती थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया आसान हो गई है. चिकित्सकों ने बिना चीर फाड़ किए और खून निकाले ब्रेन ट्यूमर निकालने में सफलता हासिल की है. बता दें, यह ऑपरेशन IGMC के न्यूरो सर्जन विभाग के चिकित्सक और अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉक्टर विप्लव और डॉक्टर दिगविजय सिंह ठाकुर ने किया है.
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इस तरह मिली सफलता
अस्पताल में सफल ऑपरेशन के बाद न्यूरो सर्जन डॉ. विप्लव ने बताया कि अस्पताल में पहली बार बिना चीर फाड़ किए ब्रेन एंडोस्कोपी तकनीक के माध्यम से नाक के जरिए मरीज के सिर से ब्रेन ट्यूमर को बाहर निकाला है. इस ऑपरेशन में न ही मरीज का खून बहा और न ही सिर में कोई टांके लगे हैं. ऐसे में अब ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन बिना चीर फाड़ के भी संभव हो सकेगा.
64 साल है मरीज की उम्र
उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन जिला मंडी के रहने वाले एक 64 वर्षीय मरीज का किया गया है. यह मरीज जनवरी माह के शुरुआत में उनके पास आया था. उन्होंने बताया कि मरीज को अक्सर सिर में दर्द और सिर से संबंधित कई और समस्याएं थीं, जिसके बाद व्यक्ति का सीटी स्कैन करवाया गया और मरीज की रिपोर्ट आने पर पता चला कि उसे ब्रेन ट्यूमर है.
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ENT विभाग ने निभाई अहम जिम्मेदारी
उन्होंने बताया कि इस सफल आपॅरेशन में ई.एन.टी विभाग (ENT Department/Otolaryngology) ने भी अहम भूमिका निभाई है, जिसमें विभाग ने एंडोस्कोप के माध्यम से उन्हें ट्यूमर तक पहुंचाया और फिर नाक के जरिए ट्यूमर को निकाला जा सका. उन्होंने बताया कि मरीज का ऑपरेशन 19 जनवरी को किया गयाा और उसे शनिवार को डिस्चार्ज कर दिया गया है जबकि पहले ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन में मरीज को कई महिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता था.
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