सबसे मुश्किल निर्जला एकादशी का व्रत, जरा सी भी न करें चूक! इन बातों का रखे ध्यान...
निर्जला एकादशी के दिन बिना जल के दिनभर व्रत किया जाता है एकादशी के दिन घर पर आए मेहमान को बिना जल पिलाए नहीं भेजना चाहिए. कहते हैं कि इस व्रत को करने वाले व्यक्ति के लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं.
Nirjala Ekadashi 2022: इस बार निर्जला एकादशी दो दिन शु्क्रवार और शनिवार को रहेगी. कहा जाता है कि निर्जला एकादशी भगवान विष्णु की सबसे प्रिय और 24 एकादशी का फल देने वाली है.
आज यानि 10 जून को निर्जला एकादशी साल को सभी व्रतों में पवित्र और खास मानी जाती है .इस एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है और मान्यता है कि यह एकादशी 1000 यज्ञों के बराबर का पुण्य देती है.
मान्यता है कि निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के व्रत से बेहद पुण्य प्राप्त होता है. इस दिन लोग दिनभर निर्जल व्रत करते हैं. निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु का विधि-विधान (Nirjala Ekadashi Pujan Vidhi) से पूजन किया जाता है
यह ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी (Ekadashi) तिथि को पड़ती है. निर्जला एकादशी व्रत का नियम (Nirjala Ekadashi Vrat) आम व्रत से कठिन और खास होता है.
निर्जला एकादशी की पूजा विधि
निर्जला एकादशी के दिन बिना जल के दिनभर व्रत किया जाता है और इस दिन भगवान विष्णु का पूजन होता है. सभी व्रतों में यह सबसे कठिन व्रत माना गया है और कहते हैं कि इस व्रत को करने वाले व्यक्ति के लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं.
कब है शुभ मुहूर्त...?
आज यानि 10 जून को सुबह 07 बजकर 25 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन 11 जून को शाम 5 बजकर 45 मिनट पर होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्षक की एकादशी यानि आज निर्जला एकादशी है. 10 और 11 दोनों दिन एकादशी तिथि पड़ रही है और इसलिए दोनों दिन व्रत किया जा सकता है.
सभी एकादशी में सबसे कठिन
जो श्रद्धालु साल की सभी 24 एकादशियों का उपवास करने में सक्षम नहीं है, उन्हें केवल निर्जला एकादशी का उपवास करना चाहिए क्योंकि निर्जला एकादशी उपवास करने से दूसरी सभी एकादशियों का लाभ मिल जाता हैं. साल की सभी 24 एकादशी में निर्जला एकादशी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. यह उपवास किसी भी प्रकार के भोजन और पानी के बिना किया जाता है. उपवास के कठोर नियमों के कारण सभी एकादशी व्रतों में निर्जला एकादशी व्रत सबसे कठिन माना गया है.
निर्जला एकादशी व्रत पारण का समय
निर्जला एकादशी दो दिन पड़ रही है और व्रत पारण का शुभ समय 11 जून को सुबह 5 बजकर 49 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगा
निर्जला एकादशी व्रत में क्या ना करें
एकादशी के दिन घर पर आए मेहमान को बिना जल पिलाए नहीं भेजना चाहिए.
निर्जला एकादशी व्रत में पानी पीना निषेध माना गया है. इस नियम का विशेष रूप से पालन किया जाता है.
इस दिन किसी के प्रति मन में क्रोध, काम, लोभ, चालच और मोह इत्यादि बुरी आदतों से दूरी बनाकर रखना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEEMEDIA इसकी पुष्टि नहीं करता है.)