Why we celebrate Dussehra: क्यों मनाया जाता है दशहरे का पर्व, यहां जानें दशहरे की पूरी कहानी
नवरात्रि के ठीक 9 दिन बाद दशहरा का त्योहार मनाया जाता है, हिन्दू धर्म में इस पर्व का खास महत्व माना जाता है
मान्यता है कि इस दिन रावण के पुतले जलाए जाते हैं और भगवान राम की पूजा की जाती है यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है आइए जानते हैं इससे जुड़ी पौराणिक मान्यताएं.
शारदीय नवरात्रि के ठीक 9 दिन के बाद 10वें दिन यानी कि दशहरे पर भगवान राम की पूजा की जाती है और दशहरे का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदू धर्म में विजयादशमी को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है.
इस दिन रावण के पुतले का दहन करके दशहरे का त्योहार मनाया जाता है और इस दिन देश भर में जगह-जगह पर रावण के पुतले जलाए जाएंगे. 14 वर्ष के वनवास के दौरान लंकापति रावण ने जब माता सीता का अपहरण किया तो भगवान राम ने हनुमानजी को माता सीता की खोज करने के लिए भेजा. हनुमानजी सीता माता को खोजने में सफल हुए.
हनुमानजी ने रावण को बहुत समछाया कि सीता माता को सम्मान के साथ श्री राम को सौंप दें लेकिन रावण ने एक भी न सुनी जिस कारण भगवान राम को लंकापति रावण से युद्ध करना पड़ा.
ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था तभी से लोग हर साल लोग आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को दशहरे के रूप में मनाते हैं और राम जी की जीत की खूशी की जश्न मनाते है