Dharamshala News: हिमाचल प्रदेश हमेशा से ही एक टूरिस्ट राज्य रहा है. यहां हमेशा ही लोग घूमने जाना पसंद करते हैं. वो चाहे गर्मी का मौसम हो या फिर बरसात या सर्दी का. हर मौसम में लोग हिमाचल में कुछ समय गुजारना पसंद करते हैं. वहीं, बारिश के मौसम में लोगों की संख्या और बढ़ जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों को पहाड़ों पर बारिश में भींगना अच्छा लगता है. इतना ही नहीं, बरसात और पहाड़ों का वो संगम, वो नजारा कौन नहीं देखना पसंद करेगा. 


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हालांकि, राज्य में बारिश के चलते लैंडस्लाइड होना, पहाड़ों का गिरना और पानी का जलस्तर बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए लोगों को इन जगहों पर जाने से मना किया जाता है. ऐसे में ही कांगड़ा घाटी में बरसात के दौरान पैराग्लाइडिंग सहित अन्य साहसिक गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी, लेकिन इसके बावजूद जिला पर्यटन विभाग पर्यटकों से घाटी में घूमने आने की अपील कर रहा है. बरसात के दौरान 15 जुलाई से 15 सितंबर तक पैराग्लाइडिंग पर प्रतिबंध रहता है.


हालांकि, पर्यटन विभाग कांगड़ा घाटी की खूबियों का बखान करते हुए पर्यटकों को बरसात के दौरान यहां घूमने आने के लिए आमंत्रित कर रहा है. जिला पर्यटन अधिकारी विनय धीमान ने मानसून में तमाम पर्यटन पनाहगाहों में से कांगड़ा को बेहद सुगम और सुरक्षित पनाहगाह बताया है. दरअसल ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग के अलावा भी कांगड़ा में पर्यटन की वो अपार संभावनाएं हैं, जो शायद ही कहीं और देखने को मिलें. 


दरअसल कांगड़ा के हर उपमंडल में कुछ न कुछ ऐसा है, जहां पर्यटक आकर सुकून के दो पल गुजार सकते हैं. वो चाहे शक्तिपीठ हो, चुगलाखंग बौद्ध मठ हो, रॉक कट टेम्पल हो या हैरिटेज विलेज या फिर करमापा बौद्ध मठ और लम्बे-लम्बे चाय के बाग, इतना ही नहीं प्रदेश का सबसे बड़ा युद्ध संग्रहालय,जहां भारतीय सेना के बड़े-बड़े हथियारों समेत वो तमाम टैंक मौजूद हैं. जो पाकिस्तान सेना छोड़ कर गई थी, इसलिये भी पर्यटन अधिकारी सैलानियों से कांगड़ा आने की अपील कर रहे हैं. 


रिपोर्ट- विपिन कुमार, धर्मशाला