Ajmer Gang Rape Case: राजस्थान के अजमेर के बहुचर्चित 1992 में व्लैकमेल और गैंगरेप मामले में अदालत ने आज फैसला सुनाया। अदालत ने मंगलवार को ही इन आरोपियों को दोषी करार दिया और दोपहर बाद सजा सुनाई गई। 32 साल पुराने मामले में अदालत ने शेष रहते 6 आरोपियों के आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही उन पर 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया है। 


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कोर्ट ने नफीस चिश्ती (54), नसीम उर्फ टार्जन (55), सलीम चिश्ती (55), इकबाल भाटी (52), सोहिल गनी (53), सैयद जमीर हुसैन (60) को उम्रकैद की सजा सुनाई। सजा सुनाते समय सभी 6 दोषी कोर्ट में थे। एक आरोपी इकबाल भाटी को एम्बुलेंस से दिल्ली से अजमेर लाया गया था। स्कैंडल के समय इन सभी की उम्र 20 से 28 साल थी।


पोक्सो न्यायालय के सरकारी वकील वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि मामलें में चार्जशीट 2001 को पेश कर दी गई थी। उन्हें ने आगे बताया कि मामलें में 18 आरोपी थे। इनमें नौ को पहले सजा सुनाई जा चुकी है और कुछ आरोपी दोषमुक्त भी हो चुके हैं तथा एक आरोपी आत्महत्या कर चुका है जबकि एक आरोपी अलमाज महाराज फरार चल रहा है और न्यायालय ने उसे भगौड़ा घोषित कर उसके खिलाफ नोटिस जारी किया हुआ है।


इस मामले के फैसले के मद्देनजर अदालत कंपलेकस में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1992 में यह मामला सामने आया जिसमें सौ से ज्यादा लड़कियों को छायाचित्र के जरिए ब्लैकमेल कर उनका यौन शोषण किया गया। गौरतलब है कि साल 1992 में 100 से ज्यादा कॉलेज छात्राओं के साथ गैंगरेप और ब्लैकमेल होने पर तहलका मच गया था।


 कई छात्राओं ने बदनामी के डर से खुदकुशी कर लई थी। तत्कालीन सरकार ने यह केस सीआईडी-सीबी को सौंपा था। मामले में 18 आरोपी थे। 4 सजा भुगत चुके हैं।


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