राकेश मल्ही/ऊना: केंद्र सरकार सेना में भर्ती होने वाले देशभर के युवाओं के लिए अग्निपथ नीति लेकर आई है. इसमें 4 साल नौकरी करने का विकल्प दिया गया है. इस स्कीम में युवाओं को अच्छा पैसा भी दिया जायेगा, लेकिन देश के कई राज्यों के युवा इस नीति का विरोध कर रहे हैं. हालात यह हैं कि ज्यादातर राज्यों में युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. देश के कई हिस्सों से ट्रेन में आग लगाने तो कहीं पत्थरबाजी की जा रही है. 


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हिमाचल में भी हो रहा अग्निपथ का विरोध
इस विरोध प्रदर्शन का असर हिमाचल जैसे शांत राज्य में भी देखने को भी मिला है. हिमाचल प्रदेश के ऊना में देश सेवा की तैयारी कर युवाओं ने अग्निपथ नीति को लेकर कहा कि यह नीति बहुत गलत है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर युवा ऐसे हैं जो आर्मी का ग्राउंड पास कर चुके है, लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी उनका रिटन टेस्ट नहीं लिया गया. ऐसे में कई युवाओं का भविष्य पहले से अंधकार में है और अब सरकार की नई नीति ने उन्हें टेंशन में डाल दिया है. 


आर्मी की जॉब के लिए करनी पड़ती सबसे ज्यादा मेहनत
इन युवाओं की मानें तो इन्होंने मैट्रिक पास करने के बाद आर्मी में जाने की तैयारी शुरू कर दी थी. दिन रात मेहनत कर रहे हैं. युवाओं का कहना है कि भारत में अगर किसी जॉब के लिए दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है तो वो बस आर्मी की नौकरी के लिए ही करनी पड़ती है. इस नौकरी में हमें देश की सेवा करने का मौका मिलता है. साथ ही उनके रिटायरमेंट के बाद सरकार की ओर से परिवार के पालन.पोषण का खर्चा भी मिलता है. 


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विदेश नीति लागू करना चाहती है मोदी सरकार
इन युवाओं का कहना है कि मोदी सरकार इस निति को लाकर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. देश में ऐसी कोई नौकरी नहीं है जो सिर्फ 4 साल के लिए हो और जिसमें 4 साल में ही रिटायरमेंट हो जाए. मोदी सरकार विदेश नीति को हिंदुस्तान में लागू करने जा रही है, लेकिन हिंदुस्तान और विदेशों की जनसंख्या में जमीन आसमान का अंतर है इसलिए कोई भी युवा इस 4 साल की नौकरी में नहीं जाना चाहता है क्योंकि वो 4 साल बाद बेरोजगार हो जाएंगे.


सपना तोड़ रही मोदी सरकार-युवा
युवाओं ने कहा कि उन्होंने आर्मी में जाने के लिए कड़ी मेहनत की है और अभी भी कर रहे हैं. उनका सपना है कि वह आर्मी में भर्ती होकर अपना भविष्य सवारें और देश की सेवा करें, लेकिन मोदी सरकार ने नई नीति लाकर उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया है. वह इस नई नीति के खिलाफ हैं और केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि नई नीति को वापस लिया जाए और फिर से पुरानी आर्मी नीति को बहाल किया जाए क्योंकि इस नई नीति के तहत अगर 4 साल के कार्यकाल में उनको कोई फिजिकल नुकसान हो जाता है तो उनका भविष्य बेकार हो जाएगा साथ ही उनके परिवार का भविष्य खराब हो जाएगा. 


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4 साल बाद नौकरी की कोई गारंटी नहीं
इस नई नीति में न तो पेंशन है और न ही सरकार की ओर से ऐसी कोई गरंटी दी जा रही है कि 4 साल की नौकरी में रिटायर्ड होने के बाद उन्हें कोई दूसरी नौकरी दी जाएगी. यह नीति युवाओं के हित में नहीं है. ऐसे में सरकार इस नीति को वापस ले और जल्द से जल्द जो आर्मी के एग्जाम होने बाकी हैं उन्हें जल्द से जल्द करवाएं क्योंकि यह लाखो युवाओं की जिंदगी से जुड़ा हुआ मामला है. 


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