देवेंद्र वर्मा/नाहन: आज देशभर में बालिका दिवस मनाया गया. समाज से बेटा और बेटी के बीच होने वाले भेदभाव, उनकी उच्च शिक्षा और बेटियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने के लिए जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए ताकि लोगों और बेटियों को शिक्षा और उनके अधिकारों के प्रति शिक्षित और जागरुक किया जा सके. 


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इस कड़ी में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने बालिका दिवस को काम का अधिकार दिवस के रुप में मनाया. जनवादी महिला समिति ने मनरेगा के तहत महिला कामगारों के सामने आ रहीं समस्याओं को लेकर डीसी सिरमौर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा.


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मनरेगा के तहत काम करने वाली महिलाओं के लिए उठाई आवाज
इस दौरान मीडिया से बातचीच करते हुए अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति कि पूर्व प्रदेश अध्यक्षा संतोष कपूर ने बताया कि मांग पत्र में मनरेगा के तहत महिला कामगारों को जो समस्याएं आ रही है उसके बारे में प्रदेश सरकार को अवगत करवाया गया है. भवन निर्माण कार्य में जो महिला कामगारों को सुविधाएं मिल रही थीं वह सरकार द्वारा बंद कर दी गई हैं जोकि तर्कसंगत नहीं है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि 90 दिन का कार्य पूरा कर चुकी महिला कामगार को कल्याण बोर्ड में पहले की तरह सदस्यता दी जाए ताकि उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके.


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महिलाओं के हक के लिए कही अहम बात
इसके अलावा महिला समिति ने मनरेगा के तहत असेसमेंट के आधार पर दिए जा रहे मानदेय को भी धोखाधड़ी ठहराया है. उन्होंने कहा कि जब कामगार से 8 घंटे काम लिया जा रहा है तो उसे दिहाड़ी दी जानी चाहिए ना कि एसेसमेंट के आधार पर कामगार के काम का भुगतान किया जाना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि खरपतवार उखाड़ने को भूमि सुधार कार्य से हटा दिया गया है जबकि साल 2009 से पहले की नोटिफिकेशन में खरपतवार भूमि सुधार कार्य में शामिल था. उन्होंने फिर से महिला योग्य काम खरपतवार उखाड़ने जैसे काम को भूमि सुधार कार्य में शामिल करने की भी मांग की है. 


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