अमित भारद्वाज: आज पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अमृतपाल सिंह मामले में सुनवाई होनी है. अमृतपाल कहां है, पुलिस को अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं है. हालांकि अमृतपाल के पिता का आरोप है कि पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में रखा है. 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह चौथे दिन भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. पंजाब पुलिस पूरे राज्य में उसकी तलाश कर रही है. इसके लिए एनआईए की 9 टीम पंजाब पहुंच चुकी है, जिसमें एक टीम चंडीगढ़ से आई है. इन टीमों ने अमृतसर, तरनतारन, जालंधर, गुरदासपुर और जालंधर में जांच शुरू कर दी है.


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ISI के संपर्क में था अमृतपाल सिंह
बता दें, जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच में अमृतपाल सिंह के ड्रग माफियाओं से संपर्क होने के भी कई तथ्य सामने आ रहे हैं, जिनकी मदद से वह खालिस्तान की नींव रखने का प्रयास कर रहा था. जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि अमृतपाल अपने नापाक मंसूबों और अपने मकसद को पूरा करने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था, जिसकी वह पूरी मदद ले रहा था.


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ISI ने ड्रोन से मुहैया कराए हथियार ओर गोला बारूद 
एजेंसी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ड्रग माफिया अमृतपाल सिंह को फंडिंग कर रहे थे. माफिया ने उसे मर्सिडीज भी गिफ्ट की थी. वहीं, आई एस आई उसे ड्रोन से हथियार, गोला-बारूद और अन्य सुविधाएं मुहैया करवा रही थी. बताया जाता है कि अमृतपाल सिंह जिस एसयूवी कार से भागा वह ड्रग माफिया रावेल सिंह ने ही उसे तोहफे में दी थी.


'एकेएफ' के नाम से अपनी प्राइवेट आर्मी बना रहा था अमृतपाल


बता दें, अमृतपाल 'एकेएफ' के नाम से अपनी प्राइवेट आर्मी बना रहा था. उसके साथियों से बरामद हुए हथियारों और उसके घर के मेन गेट पर भी 'एकेएफ' लिखा मिला है. अमृतपाल के घर से कमांडो जैसी जैकेट्स भी मिलीं हैं, जिन पर 'एकेएफ' लिखा हुआ है. ॉ


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9 राज्यों में मौजूद हैं अमृतपाल और खालिस्तानी समर्थक
वहीं, गृह मंत्रालय अमृतपाल के देशभर में फैले नेटवर्क पर एक साथ धावा बोलने की तैयारी में है. बताया जा रहा है कि 9 राज्यों में उसके समर्थक हैं.  इसलिए इन राज्यों की पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है और मोबाइल लोकेशन ट्रेस की जा रही है. 


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