Anantnag Encounter, Major Ashish Dhaunchak Cremation news in Hindi: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए मेजर आशीष धौंचक (36) का आज यानी शुक्रवार को हरियाणा के पानीपत में उनके पैतृक गांव बिंझौल में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान पानीपत से श्मशान घाट तक पहुंचने के लिए अंतिम यात्रा ने लगभग 14 किमी का सफर तय किया। 


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इस दौरान मेजर आशीष धौंचक को अंतिम विदाई देने के लिए अंतिम यात्रा में करीब एक किलोमीटर लंबा काफिला था और लगभग 10 हजार लोग इसमें शामिल थे. शहीद को विदाई देने के लिए लोगों की भीड़ इक्कठी हो रखी थी और सड़क के दोनों तरफ खड़े लोग उस पर फूल बरसा रहे थे. 


अंतिम यात्रा के दौरान मेजर आशीष की बहनें और मां भी बिंझौल श्मशान घाट पहुंची और पूरे रास्ते मां ने अपने हाथ जोड़े हुए थे और बहन भाई को सैल्यूट करती रही. इस दौरान मेजर की बहन ने कहा कि उसका भाई देश का गर्व है. 


पहले पानीपत पहुंचा आशीष का पार्थिव शरीर 


शहीद मेजर आशीष का पार्थिव शरीर को शुक्रवार सुबह पानीपत के TDI सिटी स्थित उनके नए मकान में पहुंचा। यह वही घर था जिसे आशीष दो साल से बनवा रहे थे पर अक्टूबर में जागरण के साथ गृह प्रवेश करना चाहते थे. 


4 महीने पहले हुई थी परिवार से मुलाकात 


मेजर आशीष की शादी 2015 में जींद की रहने वाली ज्योति से हुई थी और 4 महीने पहले ही 2 मई को वह अर्बन एस्टेट में रहने वाले अपने साले विपुल की शादी में घर आया था. इस दौरान वह वहां 10 दिन रहा और बाद में वह ड्यूटी पर लौट गया. 


3 बहनों के इकलौते भाई 


गौरतलब है कि मेजर आशीष 3 बहनों का इकलौता भाई था और उनकी तीनों बहनें — अंजू, सुमन और ममता — शादीशुदा हैं और मेजर की मां कमला गृहिणी हैं और पिता लालचंद NFL से सेवामुक्त हैं। 


प्रमोट होकर बने थे मेजर 


आशीष ने अपनी पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से की थी और 12वीं के बाद बरवाला के कॉलेज से बीटेक इलेक्ट्रॉनिक किया था. इसके बाद वह एमटेक कर रहे थे और इस दौरान 25 साल की उम्र में 2012 में वह भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे. 


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