Back Pain and Joint Pain Home Remedies: आजकल की नौजवान पीढ़ी और बच्चों में जोड़ों का दर्द और पीठ दर्द काफी ज्यादा बढ़ गया है. बदलते लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज की कमी के कारण, लंबे समय तक बैठे रहना, कम कसरत और सूरज की रोशनी में कम लेने की वजह से युवाओं की हड्डियों के स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है. इससे बच्चों में भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं. जोड़ों के दर्द और पीठ दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ सुझाव आज इस खबर में हम आपके साथ साझा करेंगे, जिससे इस समस्या से बचा जा सकता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आज ज़ी मीडिया के साथ डॉक्टर प्रदीप अग्रवाल (Dr. Pradeep Aggarwal Knee & Hip Replacement Surgeon) ने जोड़ों का दर्द और पीठ दर्द  के बारे में खास बातचीत की है. इस बातचीत के दौरान डॉक्टर प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि लाइफस्टाइल और डाइट, एक्सरसाइज की कमी के कारण और बाज़ार का पैकेट वाला फ़ूड खाने की वजह से जोड़ों का दर्द और पीठ दर्द  बढ़ गया है.


नौजवान पीढ़ी को भी बैक पेन की समस्या बढ़ रही है. कई बार तो उनकी यह समस्या इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि उन्हें चलने-उठने में भी परेशानी होने लगती है. दर्द बढ़ने के कारण उन्हें कोई भी काम करने में भी दिक्कत आती है. नौजवान पीढ़ी जॉब पर 8-9  घंटे का समय बिताते हैं. ऐसे में इस दौरान वह एक ही पोजिशन में बैठे रहते हैं. कई घंटों तक एक ही स्थान पर बैठे रहने से ज्वाइंट्स में दर्द बढ़ जाता है.


कैसे बच सकते है सर्वाइकल, गर्दन और रीढ़ की हड्डी के दर्द से---

-हेल्दी स्वस्थ और सतुंलित आहार खाने से इस दर्द से बचा जा सकता है
-प्रोटीन को भरपूर मात्रा सोयाबीन खाने से भी इससे बचा जा सकता है
-हरी सब्जियां और ताज़े फल को डाइट में शामिल करने से भी इस दर्द से दूर रह सकते है.
-रोजाना योगा और कसरत करने से आप इस दर्द से बच सकते हैं.
-हर कोई कहता है दूध दही खाओ इससे सेहत एक दम ठीक रहती है परतुं अगर हम दूध और दही को किस आहार या किसके साथ ले रहे है यह बहुत अहम 
 है.
-बैठने की पोजीशन को ठीक करे और 90 डिग्री की पोजीशन होनी बहुत जरूरी है.  


जिम में ट्रैक पर दौड़ना और वर्कआउट करना पर कितना है सही?


डॉक्टर अग्रवाल का कहना है कि जिम में ट्रैक पर दौड़ना सही है परतुं उसके लिए फुटवियर अच्छे होने चाहिए और स्टेमिना को रोजाना बढ़ाने के लिए रोजाना कसरत करना बहुत जरूरी है। 


हड्डियों के जांच के लिए कौन कौन से टेस्ट करवाए 
डॉक्टर अग्रवाल मुताबिक हड्डियों के जांच के लिए अक्सर लोग विटामिन D और कैल्सियम का टेस्ट करवा लेते है जबकि लोगों को होमोसिस्टीन टेस्ट करवाना बहुत जरूरी है.


क्या है होमोसिस्टीन टेस्ट? (Homocysteine test)
होमोसिस्टीन टेस्ट खून में मौजूद होमोसिस्टीन एमिनो एसिड की मात्रा को मापता है. यह परीक्षण विटामिन बी 6, बी 12 और फोलिक एसिड की कमियों का निदान और निगरानी करने में मदद करता है.


सुझाव 
स्ट्रेस और टेंशन की वजह से कई बार यह दर्द ज़्यादा बढ़ सकता है इसलिए लोगों से अपील है कि टेंशन को दूर करने के लिए हम सबको हेल्थी फ्रेंडशिप और स्ट्रेस को मैनेज करना आना बहुत जरूरी है. इस के साथ लंबे समय तक बैठे ना रहने की अपील की है.