Churah Vidhansabha: 9 साल से खिल रहा कमल, क्या अब चल पाएगी झाड़ू या फिर होगा मिशन रिपीट?
Churah Assembly Seat: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का आगाज होने को है. इस बीच कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी से लेकर सभी पार्टियों ने जीत हासिल करने के लिए कमर कस ली है. ऐसे में जानें चुराह विधानसभा सीट का इतिहास और राजनीतिक समीकरण.
Churah Assembly constituency: हिमाचल प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां (Himachal) तेज हो गई हैं. चुनावी वर्ष 2022 में हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां तेज होती देख हम आपको बता रहे हैं प्रदेश की हर विधानसभा सीट (Himachal Assembly seats) का इतिहास और राजनीतिरक समीकरण. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे प्रदेश की चुराह विधानसभा सीट के बारे में, जो जिला चंबा के अंतर्गत आती है और यह 68 विधानसभा में से पहले नंबर पर है.
कौन बनेगा चुराह विधानसभा क्षेत्र का दावेदार?
बता दें, इस सीट पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के हंस राज (Hansraj Himachal BJP) का कब्जा है. पिछले दो बार से यहां बीजेपी के हंसराज ही विधायक (MLA Hansraj) चुने गए हैं, लेकिन इस बार यहां से किसे जीत हासिल होगी ये बड़ा सवाल है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल के चुनावी मैदान में दिल्ली और पंजाब में जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी भी उतर गई है.
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क्या है चुराह विधानसभा क्षेत्र का वोट प्रतिशत?
साल 2017 में बीजेपी के हंस राज को 28,293 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के सुरेंद्र भारद्वाज को 23,349 वोट मिले. वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से हंसराज को 24,978 वोट और कांग्रेस के सुरेंद्र भारद्वाज को 22,767 वोट मिले थे. बता दें, इस सीट पर पिछले 9 साल से भारतीय जनता पार्टी के हंस राज की दावेदारी रही है. उन्होंने पहली बार 2012 में विधानसभा चुनाव लड़ा और उन्हें जीत भी हासिल हुई. इस क्षेत्र में कुल 74 हजार वोटर हैं, जिनमें 38 हजार मतदाता पुरुष हैं जबकि 36 हजार महिला मतदाता महिलाएं हैं.
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क्या हैं चुराह विधानसभा क्षेत्र की समस्या?
इस क्षेत्र की समस्याओं की बात की जाए तो यहां काफी समय से स्वास्थय सुविधाओं और पानी की समस्या बनी हुई है. यहां के लोगों को काफी समय से स्वास्थ्य सुविधाओं और मेडिकल सुविधाओं की कमी की वजह से परेशान होना पड़ रहा है. मेडिकल सुविधाओं की कमी के चलते मरीजों को दूसरे शहर जाना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है इस मुद्दे को कई बार उठाया जा चुका है, लेकिन आज तक कोई सरकार इसका समाधान नहीं कर सकी है. अब देखना ये होगा 2022 के विधानसभा में यहां की जनता किसे अपना विधायक चुनेगी.
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