Delhi Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ने के साथ ही एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री में काफी वृद्धि हुई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीपीसीबी के अनुसार, सोमवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई.  वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 484 तक पहुंच गया - जो इस मौसम का सबसे खराब स्तर है. 


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दिल्लीवासियों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है. ऐसे में व्यापारियों का कहना है कि एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग बढ़ गई है क्योंकि कई निवासी इन उपकरणों को अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक मानते हैं.  इंदिरापुरम स्थित डीलरशिप एयर एक्सपर्ट इंडिया के मालिक विजेंद्र मोहन ने कहा कि वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर को पार करने के बाद उनके एयर प्यूरीफायर की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. 


उन्होंने कहा, पहले हम प्रतिदिन करीब 20 प्यूरीफायर बेचते थे, कभी-कभी तो दो दिन में भी. अब यह संख्या दोगुनी होकर प्रतिदिन 40 हो गई है. एयर प्यूरीफायर घरों के लिए जरूरी हो गए हैं और मुझसे रोजाना 150 से ज्यादा इस संबंध में पूछताछ के लिये संपर्क कर रहे हैं. 


वहीं, पुष्प विहार में ब्लूएयर एयर प्यूरीफायर के डीलर राकेश सिंह ने कहा, पिछले महीने मैं रोजाना 10 से 12 एयर प्यूरीफायर बेच रहा था. अब बिक्री बढ़कर 25 यूनिट प्रतिदिन हो गई है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. विकासपुरी स्थित एयर्थ एयर प्यूरीफायर कंपनी के मालिक रवि कौशिक ने बताया कि अक्टूबर के अंत से अब तक उनकी बिक्री में 70 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. उन्होंने कहा, आमतौर पर बिक्री 20 प्रतिशत के आसपास रहती है, लेकिन इस बार वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण इसमें 70 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है. 


वहीं,  चिकित्सकों ने इसको लेकर स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में चिंता जताई है और आगाह किया है कि जहरीली हवा न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से कमजोर समूहों को बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों को भी नुकसान पहुंचा सकती है. चिकित्सकों ने लोगों को बाहरी गतिविधियों को सीमित करने, शरीर में पर्याप्त तरल पदार्थ सुनिश्चित करने और घर के अंदर ठोस कण के स्तर को कम करने के लिए एचईपीए फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह दी है. 


डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को सर्जिकल मास्क या कपड़े के मास्क की जगह एन 95 मास्क पहनना चाहिए. ये बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं क्योंकि सर्जिकल या कपड़े के मास्क अक्सर चेहरे पर फिट नहीं आते और पर्याप्त मात्रा में कणों को रोक नहीं सकते. 


रिपोर्ट- भाषा