Delhi Air Pollution: दिल्ली एनसीआर के मौसम में आज सुबह से ही काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. पूरे एनसीआर को धुंध की एक चादर ने ढक रखा है. स्मॉग के चलते पारे में भी गिरावट दर्ज की गई है और सुबह के वक्त लोगों को ठंड का एहसास भी हो रहा है. मौसम विभाग की माने तो आने वाले कुछ दिनों तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा और लोगों को स्मॉग और प्रदूषण की दोहरी मार झेलने को मिलेगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद में सुबह के समय स्मॉग की घनी चादर देखने को मिली. अगर तापमान की बात करें तो पिछले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान आज 17.0 डिग्री सेल्सियस और मंगलवार सुबह 0.9 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ 17.9 डिग्री सेल्सियस रहा. मौसम विभाग का मानना है कि दिन के कुछ समय तक धुंध छाए रहने से और सूर्य की रोशनी बंद होने से अधिकतम तापमान में गिरावट हो सकती है. 


वहीं अब स्मॉग के साथ बढ़ते प्रदूषण की दोहरी मार भी लोगों को झेलनी पड़ सकती है. केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार ,राजधानी दिल्ली में बुधवार सुबह 6 बजे तक औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 349 अंक बना हुआ है. जबकि गाजियाबाद में 276, ग्रेटर नोएडा में 289 और नोएडा में 269 अंक बना हुआ है.


दिल्ली के आया नगर में सबसे अधिक 406 एक्यूआई इस समय बना हुआ है. मौसम विभाग के मुताबिक राजधानी दिल्ली के अधिकतर इलाकों में सुबह 6 बजे तक एक्यूआई लेवल 300 से ऊपर और 400 के बीच में बना हुआ है. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में धुंध की चादर से एनसीआर के लोगों का सामना होगा. हवा की गति में भी गिरावट आने से सुबह से लेकर काफी देर तक यह स्मॉग वातावरण में बना रहेगा. 


बुधवार की सुबह स्मॉग की वजह से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. सुबह से ही भारी स्मॉग की वजह से शहर की सड़कों पर विजिबिलिटी काफी कम हो गई.  


वहीं,  लोगों का कहना है कि प्रदूषण अब जानलेवा हो गया है. लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और फेफड़े भी खराब हो रहे हैं. गरीब लोग तो इसे सहते हैं, क्योंकि प्रदूषण में चलने के अलावा कोई रास्ता नहीं है, लेकिन अगर अमीर लोग अपनी गाड़ियों में कोई नया सिस्टम अपनाएं, जो प्रदूषण कम कर सकते हैं. प्रदूषण अब इतना खतरनाक हो गया है. साथ ही यह हर साल बढ़ता ही जा रहा है. 


दिल्ली निवासियों ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जो छिड़काव शुरू किया है, वह दिखावा जैसा लगता है, क्योंकि प्रदूषण कम होने के बजाय लगातार बढ़ रहा है. गाड़ियों में कोई बदलाव नहीं किए जा रहे, जो हो रहा है वह पूरी तरह से नाकाफी है. हरियाणा और पंजाब में पराली जलाना भी जारी है.  हर कोई एक-दूसरे पर दोष लगा रहा है. 


सरकार को अब सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप में नहीं, बल्कि ठोस उपायों पर ध्यान देना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो आने वाले दो-चार सालों में गरीब लोग तो बीमारी का शिकार हो जाएंगे. 


रिपोर्ट- आईएएनएस