जमीन के उचित रेट ना मिलने पर किसानों ने परिवार के साथ धरना और भूख हड़ताल की दी चेतावनी
Farmer News: हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र को रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए 28 किलोमीटर लंबा ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है, लेकिन इसे लेकर किसान धरने पर बैठे हुए हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी जमीन के उचित रेट नहीं मिल रहे हैं.
मनोज जोशी/चंडीगढ़: हिमाचल प्रदेश के बद्दी इंडस्ट्रियल एरिया को रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए चंडीगढ़-पंचकूला के सूरजपुर से करीब 28 किलोमीटर लंबा ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट रेलवे बद्दी तक बनाया जाना है. इसका 24 किलोमीटर क्षेत्र हरियाणा का है जबकि चार किलोमीटर का प्रोजेक्ट हिमाचल में पड़ता है. इसकी जमीन को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है. किसानों की ओर से कम मुआवजा दिए जाने के चलते इस ट्रैक का पूरा काम रोक दिया गया है और ट्रैक पर टैंट लगाकर धरना दिया जा रहा है.
किसानों को दिए जा रहे जमीन के दो रेट
किसानों का कहना है कि उनके क्षेत्र में जमीन के दो रेट दिए जा रहे हैं. बद्दी में एक तरफ सात लाख रुपये बीघा का रेट दिया जा रहा है जबकि दूसरी तरफ उनकी जमीन के साथ ही 82 लाख रुपये बीघा का रेट दिया जा रहा है. किसानों का कहना है कि पूरे प्रदेश में एक समान भूमि अधिग्रहण करने का मुआवजा दिया जाना चाहिए. चुनाव के दौरान भी उन्होंने यह डिमांड की थी, लेकिन सरकार बनने के बाद इस पर विचार नहीं किया गया.
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परिवार के साथ धरना और भूख हड़ताल की चेतावनी
किसानों का कहना है कि सर्कल रेट पिछली सरकार ने कम कर दिए थे, जिसकी वजह से यह सारा विवाद हुआ है, लेकिन जब जमीन एक ही पंचायत से संबंधित है तो ऐसा नहीं होना चाहिए. किसानों ने कहा कि सरकार को एक बराबर मुआवजा राशि तैयार कर रेलवे को भेजनी चाहिए, जिसके लिए देरी की जा रही है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल पूरा काम बंद करवा दिया गया. अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे सभी परिवार के साथ धरने पर बैठेंगे और भूख हड़ताल करेंगे. आने वाले लोकसभा चुनावों में इसका हिसाब लिया जाएगा.
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