February 2023 leap year: साल में फरवरी एक ऐसा महीना होता है, जिसमें सबसे कम दिन होते हैं. जहां ज्यादातर महीने में 31 और 30 दिन होते हैं वहीं, फरवरी में केवल 28 और 29 दिन ही होते हैं, जिसे 'लीप ईयर' कहा जाता है. हर साल फरवरी का महीना 28 या 29 फरवरी को ही खत्म हो जाता है, लेकिन कई बार यह महीना 28 तारीख को ही खत्म होता है और कई बार 29 फरवरी को खत्म होता है. 
 
दरअसल पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाने में 365 दिन और 6 घंटे का समय लेती है. ऐसे में साल का संतुलन बनाए रखने के लिए फरवरी में एक और दिन को जोड़ दिया जाता है, जिसकी वजह से 28 दिन का महीना 29 का हो जाता है, जिस साल फरवरी का महीना 28 की जगह 29 का होता है उसे 'लीप ईयर' कहा जाता है. हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि पृथ्वी सूर्य का चक्कर किस साल में पूरा करती है. 


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फरवरी में ही क्यों होते हैं 28 और 29 दिन? 
अब अगर बात करें अन्य महीनों जनवरी, मार्च, अप्रैल, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर की तो इनमें 30 या 31 दिन होते हैं. इन महीनों में इतने दिन होने का बाद फरवरी के लिए केवल 28 दिन और कुछ घंटे ही बचते हैं. ऐसे में कुछ दिनों को फरवरी में एडजस्ट कर दिया जाता है. अब आप यहां थोड़ा कंफ्यूज हो रहे होंगे कि दिन को एडजस्ट कैसे किया जाता है. दरअसल जूलियन कैलेंडर में फरवरी में एक लीप दिन होता है, जो कि हर चौथे साल में आता है. यह इसलिए होता है क्योंकि सौर वर्ष में एक दिन अधिक होता है. यह वर्ष लगभग 365.25 दिन का होता है. 


कौन से होते है लीप ईयर?
बता दें, जूलियन कैलेंडर अब उपयोग में नहीं है. इस कैलेंड के अनुसार, हर चौथे वर्ष में एक दिन अधिक जोड़ा जाता था, लेकिन इसमें थोड़ी गड़बड़ी थी, क्योंकि सौर वर्ष 365.25 दिन से थोड़ा अधिक होता है. ग्रीगोरियन कैलेंडर, जो वर्तमान में उपयोग में है उसमें हर चौथे साल में एक अतिरिक्त दिन जोड़ा जाता है, लेकिन वह 100 वर्ग योग्य का होता है, उसे लीप साल नहीं माना जाता है. अगर कोई साल 400 से वर्ग योग्य होता है, तो उसे फिर से लीप साल माना जाता है. इस तरह के नियमों के अनुसार 1600, 2000, 2400 तरह के लीप साल होते हैं, जबकि साल 1700, 1800, 1900, 2100, 2200 वाले लीप साल नहीं होते हैं.


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