Himachal Pradesh Landslide news: जोशीमठ में इन दिनों जमीन धंसने और मकानों में दरारें पड़ने से हर कोई परेशान है. कुछ लोग घर छोड़कर दूसरी जगहों पर जा रहे हैं, लेकिन कुछ लोग इन्हीं हालातों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे हालात न सिर्फ जोशीमठ में बल्कि हिमाचल प्रदेश में भी उत्पन्न हो गए हैं. राजधानी शिमला में भी कई मकानों में दरारें पड़ने की खबर सामने आई है, लेकिन इस आपदा के बीच राज्य के मंडी जिला में लैंडस्लाइड हो गया.     


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लैंडस्लाइड से पहले घरों में आईं थी दरार
राज्य में एक ओर लोग ठंड़ से परेशान हैं और अब लैंडस्लाइड की वजह से यहां भी लोगों को जोशीमठ जैसे हालाल होने का डर सता रहा है. इससे पहले मंडी के तीन गांवों में जमीन धंसने और घरों में दरारें पड़ने की खबर सामने आई थी. जहां जिले की सिराज घाटी में थलौट, नागानी गांव और फागू में जमीन धंस गई थी. इसके साथ ही कई घरों में दरारें भी पड़ गई हैं. 


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क्यों पड़ीं दरारें?
लोगों का कहना है कि मंडी के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के तहत विकास खंड बालीचौकी ग्राम पंचायत भटवाड़ी गांव शालानाल में फोरलेन निर्माण कार्य चल रहा था. ऐसे में जब निर्माण कार्य के लिए पहाड़ की कटिंग की गई तो पहाड़ दरकने लगे, जिसकी वजह से यहां घरों में दरारें आ गईं थी. 


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कब और कैसे होता है भूस्खलन
बता दें, भूस्खलन का मतलब किसी ढ़लान वाली जगह से जमीन का नीचे की ओर खिसकना होता है. वैसे तो यह ज्यादातर बारिश के दिनों में होता है, लेकिन कई बार यह आम दिनों में भी हो जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश के समय जब पानी का बहाव तेजी से ऊपर से नीचे की ओर आता है तो इस दौरान पहाड़ भी नीचे खिसक जाते हैं. भूस्खलन की ज्यादातर खबरें पहाड़ी इलाकों जैसे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से सामने आती हैं. हर साल बारिश का मौसम आते ही यहां से भूस्खलन की खबरें सामने आना आम हो जाता है.    


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