Mission Divyastra: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल के पहले उड़ान परीक्षण को चिह्नित करते हुए, मिशन दिव्यास्त्र के सफल क्रियान्वयन के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिकों की उपलब्धियों की सराहना की. पीएम मोदी ने भारत की स्वदेशी मिसाइल क्षमताओं को आगे बढ़ाने में मिशन दिव्यास्त्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डीआरडीओ वैज्ञानिकों द्वारा प्रदर्शित तकनीकी कौशल पर गर्व व्यक्त किया. MIRV तकनीक के साथ अग्नि-5 मिसाइल की सफल परीक्षण उड़ान देश की रक्षा तैयारियों और रणनीतिक क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल के भारत के पहले उड़ान परीक्षण मिशन दिव्यास्त्र की सराहना की. एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में, प्रधान मंत्री ने मिशन दिव्यास्त्र के लिए डीआरडीओ वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा, "मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है, मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण."



रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे यह सुनिश्चित होगा कि एक ही मिसाइल विभिन्न स्थानों पर कई युद्ध प्रमुखों को तैनात कर सकती है. रिपोर्ट में यह भी बताया जा रहा है कि परियोजना निदेशक एक महिला है और इस मिशन में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.


इसके अलावा, मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास MIRV क्षमता है. यह क्षमता भारत की बढ़ती तकनीकी शक्ति का प्रतीक है.