Nav Varsh Mela 2023: नैनादेवी मंदिर में शुरू हुआ नववर्ष मेला, आपदा में श्रद्धालुओं को बचाव करने की दी गई ट्रेनिंग
Himachal Pradesh: नया साल सेलिब्रेट करने के लिए इन दिनों हिमाचल प्रदेश के टूरिस्ट प्लेसेस में सैलानियों की भारी तादाद देखने को मिल रही है. ऐसे में बिलासपुर स्थित शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में भी नववर्ष मेले की शुरुआत हो गई है, जिसमें यहां आने वाले श्रद्धालुओं को आपदा आने पर खुद का कैसे बचाव करना है इस बारे में बताया गया.
विजय भारद्वाज/बिलासपुर: देशभर में इन दिनों नए साल को लेकर जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं. न्यू ईयर सेलिब्रेशन को लेकर मॉल, रेस्टोरेंट्स और होटल्स भी अच्छी तरह सजा दिए गए हैं. वहीं, कुछ लोग नए साल को खास अंदाज में मनाने के लिए अपने दोस्तों और परिवार के साथ हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों के बीच जा रहे हैं.
नैनादेवी मंदिर में नववर्ष मेले का किया गया आयोजन
देशभर में न्यू ईयर की धूम के बीच देवभूमि हिमाचल के जिला बिलासपुर स्थित शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में 29 दिसंबर यानी आज से 2 जनवरी तक नववर्ष मेले का भी आयोजन किया गया है, जिसमें रोजाना देशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु नैनादेवी के दरबार पहुंचेंगे. इसी को देखते हुए मंदिर परिसर में एनडीआरफ, होमगार्ड, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया ताकि मंदिर में मेले के दौरान किसी भी तरह की आपातकाल स्थिति आने पर श्रद्धालुओं का रेस्क्यू कर उन्हें उचित स्वास्थ्य सुविधा व ईलाज मुहैया कराया जा सके.
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आपदा की स्थिति में बचाव के लिए दी गई ट्रेनिंग
मॉक ड्रिल के दौरान एनडीआरफ की टीम ने सबसे पहले मंदिर से अपना कार्य शुरू किया. जहां उन्होंने दुर्घटना के दौरान घायल हुए श्रद्धालुओं को गुफा के पास मुख्य कैंप तक पहुंचाया, जिसके बाद यहां स्वास्थ्य विभाग के द्वारा घायलों का तुरंत ईलाज किया गया. इसके बाद होमगार्ड के जवानों द्वारा लंगर भवन की बिल्डिंग से आपदा की स्थिति में श्रद्धालुओं को कैसे उतारना है इसके बारे में बताते हुए एक व्यक्ति को रस्सी के सहारे ऊंची बिल्डिंग से उतारकर भी दिखाया.
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इसके अलावा मंदिर न्यास के मातृ शरण यात्री निवास में आगजनी की घटना के चलते वहां पर श्रद्धालुओं को किस तरह रेस्क्यू किया जाएगा इसका भी मॉक ड्रिल किया गया. इतना ही नहीं, आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड की टीम द्वारा समय रहते आग पर भी कैसे काबू पाय जाए इसके बारे में भी बताया गया.
क्यों किया गया मॉकड्रिल?
बता दें, साल 2008 में श्रावण मेले के दौरान नैनादेवी मंदिर में भारी भगदड़ मची थी और काफी सख्यां में श्रद्धालुओं की मौत हुई थी जबकि कई लोग घायल हुए थे. इस हादसे के दौरान भी एसडीआरएफ की टीम द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन करके कई लोगों की जान बचाई गई थी. वहीं, मॉक ड्रिल के दौरान नैनादेवी मंदिर अधिकारी विपिन ठाकुर, मेला सुरक्षा अधिकारी कमांडर जगदीश ठाकुर, मंदिर सहायक अभियंता प्रेम शर्मा एवं कंपनी कमांडर गुरुदेव के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे.
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