Budget 2023: क्या कहता है CAIT का 19 सूत्रीय बजट मांग पत्र, यहां देखें क्या है कैट की मांग?
Budget 2023 News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. ऐसे में लोग इस बार के बजट से काफी उम्मीद लगाए बैठे हैं. इस बीच कैट ने अपना 19 सूत्रीय बजट मांग पत्र भी जारी कर दिया है.
Budget 2023-2024: बजट पेश होने में अब महज दो दिन का समय बाकी रह गया है. ऐसे में 1 फरवरी को पेश होने जा रहे बजट पर देशभर के लोगों की नजरें टिकी हुई हैं. खासकर बिजनेसमैन और टैक्स चुकाने वाले लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश होने वाले बजट को लेकर दिल्ली सहित देशभर के व्यापारियों में उत्सुकता देखी जा रही है.
यह है कैट का बड़ा प्लान
व्यापारियों की उत्सुकता को देखते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के सुझाव पर देशभर के व्यापारी संगठन देश के सभी राज्यों के प्रमुख शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी स्क्रीन लगा रहे हैं ताकि 1 फरवरी को पेश होने जा रहे बजट को हर कोई लाइव देख सके. बजट पेश होने से पहले कैट का 19 सूत्रीय बजट मांग पत्र भी सामने आया है.
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यह है कैट का 19 सूत्रीय बजट मांग पत्र.
1. जीएसटी कर प्रणाली की नए सिरे से पूर्ण समीक्षा.
2. दस आयकर की कर दरों में कमी करने की घोषणा.
3. रिटेल व्यापार पर लागू सभी कानून और नियमों की पूर्ण समीक्षा.
4. एक राष्ट्र-एक कर की तर्ज पर एक राष्ट्र-एक लाइसेंस की नीति.
5. व्यापारियों के लिए प्रभावी पेंशन योजना.
6. उत्तर प्रदेश की तर्ज पर व्यापारियों के लिए बीमा योजना.
7. छोटे व्यवसायों के लिए अलग क्रेडिट रेटिंग मानदंड.
8. बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा व्यापारियों को आसानी से कर्ज देना.
9. नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनीज और माइक्रो फाइनेंस इंस्टीटूशंस द्वारा व्यापारियों को कर्ज दिलाने के लिए सक्षम बनाना.
10. व्यापारियों में आपसी भुगतान और आयकर अधिनियम की धारा 138 के तहत चेक बाउंस जैसे विवादों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन
11. स्पेशल इकनोमिक जोन की तर्ज़ पर गाँवों के निकट स्पेशल ट्रेड जोन के निर्माण की घोषणा
12. आंतरिक और विदेशी व्यापार दोनों को बढ़ावा देने के लिए देश और दुनिया भर में व्यापार मेलों और भारतीय उत्पादों की प्रदर्शनियों के आयोजन
13. व्यापारिक समुदाय के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाने और प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग किस्म के इंसेंटिव की घोषणा.
14. उपभोक्ता कानून के अंतर्गत ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करना.
15. ई-कॉमर्स नीति की तुरंत घोषणा.
16. ई-कॉमर्स के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी के गठन की घोषणा.
17. रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति की घोषणा.
18. केंद्र और राज्यों दोनों में आंतरिक व्यापार के लिए एक अलग मंत्रालय की घोषणा.
19. डिजिटल भुगतान के अधिक उपयोग के लिए व्यापारियों को कर भुगतान में छूट के संदर्भ में प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा.
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