चंडीगढ़- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक और सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. उत्तर प्रदेश में पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (People’s Co-operative Bank Limited) को बड़ा झटका लगा है. 


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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को इस बैंक की वित्तीय स्थिति खबरा मिली है. इसके चलते पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को बंद करने का फैसला किया है.


बता दें कि इस साल का यह चौथा बैंक है जिस पर आरबीआई ने कार्रवाई की है. बैंकिंग नियामक ने उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (PEOPLE'S CO-OPERATIVE BANK LTD) का लाइसेंस रद्द कर दिया.


केंद्रीय बैंक ने जानकारी देते हुए कहा कि अब बैंक 21 मार्च 2022 से कारोबार की समाप्ति होने से बैंकिंग व्यवसाय करना बंद कर देगा. आरबीआई ने कहा, 'को-ऑपरेटिव बैंक की वित्तीय स्थिति ऐसी है कि वह जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने की अनुमति नहीं दे सकता और अगर इसे जारी रखने की अनुमति दी गई तो लोगों का हित प्रभावित होगा. 


रिजर्व बैंक ने कहा है, लिक्विजेशन होने पर प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से जमा बीमा दावा राशि के रूप में 5 लाख रुपये तक प्राप्त करने का हकदार होगा. 


आरबीआई ने कहा कि बैंक की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि पाने के हकदार हैं.'


बैंकों में 5 लाख रुपये तक की जमा सुरक्षित होने की गारंटी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन की ओर से ​होती है. 


डीआईसीजीसी, भारतीय रिजर्व बैंक के स्वामित्व वाली सब्सिडियरी है, जो बैंक जमा पर इंश्योरेंस कवर उपलब्ध कराती है. 5 लाख के डिपॉजिट बीमा के प्रावधानों के मुताबिक, बैंक के दिवालिया होने या उसका लाइसेंस रद्द होने पर 5 लाख रुपये तक की धनराशि का भुगतान जमाकर्ता को किया जाता है, फिर चाहे बैंक में उसका कितना ही पैसा जमा क्यों न हो.


आरबीआई ने कहा, “सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों, उत्तर प्रदेश के रजिस्ट्रार से भी बैंक को बंद करने और ऋणदाता के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है”


जमाकर्ताओं का क्या होगा?


प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से 5 लाख रुपये तक का जमा बीमा दावा प्राप्त करने का हकदार होगा. पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक को 'बैंकिंग' का व्यवसाय करने से प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें जमा की स्वीकृति और पुनर्भुगतान शामिल है.


क्यों रद्द किया लाइसेंस?


आरबीआई ने कहा कि बैंक 21 मार्च, 2022 को कारोबार बंद होने से बैंकिंग कारोबार करना बंद कर देता है. इसमें कहा गया है कि लाइसेंस रद्द कर दिया गया था क्योंकि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं थीं.