नई दिल्ली: सरकारी प्राथमिक स्कूल बीहला मुख्य अध्यापक हरप्रीत सिंह दीवाना को शिक्षा के क्षेत्र में उनकी अच्छी उपलब्धियों और सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुना गया है. हरप्रीत सिंह के नेतृत्व में बीहला का सरकारी प्राइमरी स्कूल पंजाब का पहला स्मार्ट स्कूल बना था. हरप्रीत सिंह ने अपनी लगन और मेहनत से इस स्कूल के लिए काम किया, जिससे यह सरकारी स्कूल बड़े प्राइवेट स्कूलों को भी पढाई और सुविधाओं के मामले में पीछे छोड़ रहा है.


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इस स्कूल की भव्य इमारत के अलावा हर क्लास रूम में एलईडी, प्रोजेक्टर, कंप्यूटर लैब, लिसनिंग लैब हैं ताकि बच्चों को किताबी पढ़ाई के साथ-साथ स्मार्ट शिक्षा दी जा सके. स्कूल में स्पेशल एजुकेशन पार्क, लाइब्रेरी और किंडरगार्टन भी बनाए गए हैं. स्कूल की दीवारें भी बच्चों को पढ़ाई करवा रही हैं. किताबों की पढ़ाई को दीवारों पर लिखा गया है. इस स्कूल के बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी राज्य स्तर पर उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं. इसी के चलते मुख्य अध्यापक हरप्रीत सिंह दीवाना की कड़ी मेहनत के चलते उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुना गया है. 


सरकार का और शिक्षा विभाग का जताया आभार
हरप्रीत सिंह ने कहा कि वह कई साल से गांव बीहला के सरकारी प्राथमिक स्कूल में पढ़ा रहे हैं. उन्होंने आज इस स्कूल को खस्ताहाल स्कूल से स्मार्ट स्कूल में तब्दील कर दिया है. इस स्कूल में बच्चों को किताबी पढाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों के माध्यम से भी पढ़ाया जाता है. वह स्कूल को इससे भी ऊपर ले जाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. इसके लिए जहां सरकार और शिक्षा विभाग समय-समय पर सहयोग करते रहे हैं, वहीं गांव के एनआरआई लोगों से भी काफी मदद मिली है. 


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क्लासरूम में ये सुविधाएं मौजूद
इस सभी की मदद के चलते ही आज उनके स्कूल के हर कमरे में एलईडी, प्रोजेक्टर, कंप्यूटर लैब, लिसनिंग लैब, एजुकेशन पार्क, ई-लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई है. इससे बच्चे रुचि लेकर पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को जो पुरस्कार मिला है, वह सिर्फ मेरा नहीं है बल्कि सभी स्कूल स्टाफ, एनआरआई सहयोगियों और शिक्षा विभाग का है. इस अवॉर्ड से मेरा हौसला बढ़ा है. आगे से मैं इसी तरह लगन के साथ काम करूंगा.


इस स्कूल में पढ़कर छात्र नवोदय की परीक्षा कर रहे पास
अध्यापक हरप्रीत सिंह को राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने से बीहला गांव के लोगों और बच्चों के अभिभावकों में भी खुशी का माहौल है. बच्चों के माता-पिता और गांव वालों का कहना है कि हरप्रीत सिंह ने मेहनत कर इस स्कूल को स्मार्ट बनाया है. जहां उनके गांव के बच्चों को स्मार्ट शिक्षा दी जा रही है. उनके बच्चे यहां पढ़कर नवोदय की परीक्षा पास कर रहे हैं. उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि अध्यापक हरपरीत सिंह को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुना गया है.


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