विदेश में बैठे गैंगस्टर पंजाब को दहलाने की कर रहे साजिश, 16-17 साल के किशोर दे रहे घटना को अंजाम
Punjab News: कैनेडा में बैठे गैंगस्टर लखबीर सिंह लंडा, फिलपिंस में बैठे यादविंदर सिंह और पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा की पंजाब पुलिस को तलाश है. पंजाब पुलिस लगातार इनकी तलाश कर रही है.
नई दिल्ली: विदेशों में बैठकर पंजाब को दहलाने और यहां के युवाओं को गुमराह कर उनका इस्तेमाल करने वाले गैंगस्टर से बने आतंकी लखबीर सिंह, यादविंदर सिंह और हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा को पंजाब पुलिस ढूंढ रही है. इन लोगों ने मोहाली पुलिस हेड क्वार्टर और तरनतारन के थाना सर हाली के साथ केंद्र पर पंजाब के युवाओं का इस्तेमाल कर उनसे आरपीजी अटैक करवाया था. हालांकि पंजाब पुलिस ने इन घटनाओं को अंजाम देने वालों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है, लेकिन इस घटना के मुख्य साजिशकर्ता आज भी विदेशों में खुलेआम घूम रहे हैं और लगातार पंजाब का माहौल खराब करने की साजिश रच रहे हैं.
9 मई 2022 की रात को मोहाली स्थित पुलिस हेड क्वार्टर पर आरपीजी अटैक किया गया. हालांकि इस हमले में किसी तरह को कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन पुलिस हेड क्वार्टर पर हुए इस हमले ने कई सवाल खड़े कर दिए थे, जिसके बाद पंजाब पुलिस ने इस हमले को अंजाम देने वालों को गिरफ्तार कर लिया था और पूछताछ में साजिश के पीछे लखबीर सिंह उर्फ लंडा का नाम सामने आया था.
ये भी पढ़ें- Punjab: जेल में बैठकर अब कोई नहीं कर पाएगा क्राइम, पंजाब गवर्नर ने बताया प्लान
9 दिसंबर को हुआ था हमला
इसके ठीक 7 महीने बाद 9 दिसंबर की रात 11 बजकर 22 मिनट पर अमृतसर बठिंडा नेशनल हाईवे पर स्थित तरनतारन के थाना सरहाली के साथ केंद्र पर बाइक सवार दो युवकों द्वारा आरपीजी हमला किया गया. इस जोरदार धमाके की आवाज सुनकर थाने में तैनात पुलिसकर्मी बाहर आए और पुलिस अधिकारियों को घटना की सूचना दी. गनीमत रही कि इस हमले में भी किसी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इससे साफ हो जाता है कि पंजाब में सरकारी इमारतों को निशाना बनाया जा रहा था.
16-17 साल के किशोर दे रहे घटना को अंजाम
इस घटना के बाद पुलिस के हाथ कई अहम सबूत भी लगे, जिससे यह पता चला कि इन घटनाओं को अंजाम देने के लिए लखबीर सिंह उर्फ डंडा और उसके फिलीपींस में बैठे अन्य साथी यादविंदर सिंह ने इसकी साजिश रची थी, जिसमें तरनतारन के गोइंदवाल साहब की जेल में बंद गैंगस्टर और तरनतारन के कई गांवों में उनके साथियों का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन इस सब में हैरानी वाली बात यह निकलकर सामने आई है कि इस घटना को 16 और 17 साल के किशोरों ने अंजाम दिया था.
ये भी पढ़ें- Himachal: इस जगह चल रहा था देह व्यापार, पुलिसकर्मी ने नकली ग्राहक बनकर किया भंडाफोड
पंजाब पुलिस द्वारा की गईं 9 गिरफ्तारियां
पुलिस ने इस मामले में तरन तारण के गांव चंबा में रहने वाले कुलबीर सिंह दविंदर सिंह और हीरा नाम के युवकों को गिरफ्तार किया. इनसे की गई पूछताछ में कई और नाम सामने आने लगे. बता दें, इस मामले में अभी कुल 9 गिरफ्तारियां हो गई हैं. लखबीर सिंह और यादविंदर सहित 12 लोगों को इस हमले में नामजद किया गया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों कुलबीर सिंह दविंदर सिंह और हीरा से जब पूछताछ की गई तो 27 दिसंबर को सामने आया कि एक और आरपीजी पाकिस्तान की जरिए आया था, जिसे आरोपियों ने ब्यास दरिया से सटे तरनतारन के गांव किडियां में मिट्टी के टीले में छुपा कर रखा था.
विदेश में बैठकर अभी भी की जारी हमले की प्लानिंग
जानकारी मिलने पर तरनतारन के एसएसपी गुरमीत सिंह चौहान और एसपी इन्वेस्टिगेशन विशालजीत सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और आरोपियों की निशानदेही पर जिंदा आरपीजी बरामद किया, जिसकी सूचना सेना के अधिकारियों और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स को दी गई. 28 दिसंबर को सेना और बम डिफ्यूजऑल एक्सपर्ट्स की टीम ने वहीं पर आरपीजी को नष्ट कर दिया. फिलहाल इस मामले में ज्यादातर आरोपियों की गिरफ्तार कर उन्हें जेल में बंद कर दिया गया है, लेकिन अभी भी विदेश में बैठे उक्त आरोपी पंजाब के खिलाफ लगातार साजिशें रच रहे हैं.
WATCH LIVE TV